भाजपा के बंगाल प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया है कि ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार अपना वर्तमान कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने ‘जय श्री राम’ के घोष को अपने साथ दुर्व्यवहार बताने के ममता बनर्जी के दावे पर भी सवाल खड़ा किया और यह भी दावा किया कि किसी भी समय तृणमूल के विधायक जत्थे-के-जत्थे बनाकर पार्टी छोड़ सकते हैं, जिससे ममता बनर्जी की सरकार खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने तृणमूल के विधायकों में असंतोष का एक और बड़ा कारण पार्टी में ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का परिवारवाद के चलते बढ़ता कद बताया है।
‘जय श्री राम’ के पोस्टकार्डों पर, ‘बाहरियों’ के सवाल पर
ममता बनर्जी को भाजपा नेताओं द्वारा ‘जय श्री राम’ वाले पोस्टकार्ड भेजे जाने के सवाल पर विजयवर्गीय बताते हैं कि लोकसभा के नतीजे आने पर ख़ुशी मनाते हुए तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की बंगाल में हत्या कर दी गई थी। ममता बनर्जी ‘जय श्री राम’ सुनकर भड़क उठतीं हैं। वह पूछते हैं कि लाखों लोगों का धार्मिक उद्घोष गाली कैसे हो सकता है। वह देश के लोगों से अपील करते हैं कि अगर ममता बनर्जी को ऐसा ही लगता है तो देश के लोग उनका भविष्य तय कर दें। ममता ने भाजपा समर्थकों से इंच-इंच इंतकाम लेने की बात की थी, जिसे उन्होंने करना शुरू कर दिया था।
ममता बनर्जी के ‘बाहर से आए लोग राज्य की शांति भंग कर रहे हैं’ के वक्तव्य पर कैलाश विजयवर्गीय ममता बनर्जी के विरोधाभासों की ओर ध्यान खींचते हैं। वह बताते हैं कि रोहिंग्याओं जैसे असली बाहरियों को तो ममता बनर्जी खुद पाल रही हैं (और भारतीयों को ‘बाहरी’ बता रहीं हैं)। वह दावा करते हैं कि 1.5 करोड़ अवैध अप्रवासी बांग्लादेशियों को ममता बनर्जी ने बंगाल में बसा रखा है और उन्हें नागरिकता प्रमाणपत्र से लेकर राशन कार्ड तक दे रखे हैं। इन अवैध निवासियों के लिए ममता सरकार राज्य के असली बाशिंदों का हक लूट रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अपनी संस्कृति पर हो रहे आक्रमण से चिंतित बंगाली समुदाय क्रुद्ध है।
ममता खुद शपथ-ग्रहण से कतरा रहीं थीं, ‘निजी’ बताकर भाजपाईयों की हत्या का बचाव
लोकसभा निर्वाचन के दौरान मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवार वालों को प्रधानमंत्री के शपथ-ग्रहण समारोह में बुलाने को ‘राजनीतिकरण’ कहे जाने पर कैलाश विजयवर्गीय पलट कर पूछते हैं कि जिन्होंने संगठन के लिए परिवारजन कुर्बान कर दिए, उन्हें भला पार्टी के लिए ख़ुशी के समारोह में क्यों नहीं बुलाया जाए? यह कोई पहले से की गई तैयारी पर आधारित नहीं, स्वःस्फूर्त निर्णय था। और ममता बनर्जी ने उन्हें बुलाए जाने का बहाना बना कर समारोह से किनारा कर लिया। ममता बनर्जी का इन हत्याओं को ‘निजी कारण से की गई’ बताया जाना एक तरह से उचित सिद्ध करने का प्रयास है।
अभिषेक बनर्जी, जीतने पर भाजपा क्या करेगी
ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी के बढ़ते कद को विजयवर्गीय परिवारवाद का कारण बताते हुए इसे तृणमूल के विधायकों में बढ़ते असंतोष की एक प्रमुख वजह बताते हैं। वह दावा करते हैं कि पार्टी के बहुत से विधायक असंतुष्ट हो विद्रोह के लिए तैयार हैं, और उनके एक साथ पार्टी छोड़ देने के चलते तृणमूल कॉन्ग्रेस राज्य सरकार में 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। भाजपा के राज्य सरकार में आने पर प्राथमिकताओं की सूची में विजयवर्गीय कानून व्यवस्था, विकास के अलावा सीमावर्ती जिलों की डेमोग्राफी बदलने पर भी जोर देते हैं। उनके मुताबिक पार्टी ने डेमोग्राफिक असंतुलन को सुधारने का भी प्रण ले रखा है।