छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में दो किसानों तुलाराम मौर्य और सुखदास को कर्ज न चुकाने के आरोप में जेल भेजे जाने पर सियासत गरमा गई है। दरअसल छत्तीसगढ़ में नई बनी कॉन्ग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ़ करने की घोषणा की थी जिसके बाद किसानों ने कर्ज नहीं चुकाया था जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
इस प्रकरण की जाँच के लिए भाजपा किसान मोर्चा ने शनिवार (18 मई) को एक जाँच समिति बस्तर के लिए रवाना कर दी है। ख़बर के अनुसार, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष पूनम चंद्राकर ने कर्ज़ माफ़ी की सच्चाई जानने के लिए समिति का गठन किया है। इस जाँच समिति में मोर्चा के प्रदेश महामंत्री भारत सिंह सिसोदिया, चंदन साहू, गौरीशंकर श्रीवास और दिलीप पाणिग्रही शामिल हैं।
जाँच दल की टीम पाँच अलग-अलग जगहों पर जाकर वहाँ के किसानों से बात करने के बाद प्रदेश अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जाँच समिति के सदस्य बस्तर में गिरफ़्तार किए गए दोनों किसानों से बातचीत करेगी और पूरे मामले की जानकारी जुटाएगी। बस्तर जाने वाली टीम का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की कर्ज़ माफ़ी के नाम पर लोगों को ठगने का काम किया है। कहने को तो कॉन्ग्रेस ने किसानों के कर्ज़ को माफ़ करने की घोषणा और दावे दोनों किए, लेकिन इसकी हक़ीक़त कुछ और ही है।
जिन किसानों द्वारा कर्ज़ का भुगतान नहीं किया गया उन्हें जेल भेजा जा रहा है। ताज़ा मामला बस्तर के दो किसानों का है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बीजेपी ने जाँच समिति का गठन किया। दरअसल, बस्तर ज़िले के कई किसानों ने केसीसी के तहत बैंक से लोन लिया था। इन्हीं किसानों में तुलाराम और सुखदास का भी नाम शामिल है जिन्होंने बैंक से क्रमश: 10 लाख रुपए और 4 लाख रुपए का लोन लिया था, जिसके वापस न किए जाने पर उन्हें जेल में डाल दिया गया।