सिरसा की विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा को अभी राजनीतिक रूप से राहत नहीं मिलेगी क्योंकि मीडिया में नाम उछलने के बाद से ही हरियाणा की सत्ता में आने के लिए कोशिशें करती भाजपा ने अब गोपाल कांडा से स्पष्ट दूरी बना ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा ने यह फैसला कर लिया है कि वह गोपाल कांडा को हरियाणा की सरकार में शामिल नहीं करेगी।
बता दें कि यह सब चर्चा में तब आया जब गोपाल कांडा ने खुलेआम भाजपा को समर्थन करने का एलान कर दिया था। कहा जा रहा है कि इस सम्बन्ध में चुनाव नतीजे आने के बाद बातचीत के लिए भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल गुरुवार को कांडा और कुछ अन्य निर्वाचित निर्दलीय विधायकों को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली लेकर गई थीं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजेपी के तरफ से गोपाला कांडा के समर्थन की कोई बात मीडिया में नहीं कही गई थी। मीडिया में खबरें आने के बाद गोपाल कांडा के भाजपा में शामिल होने को लेकर मोदी सरकार पर रणदीप सुरजेवाला ने भी निशाना साधा था। अपनी पार्टी को आदर्श बताते हुए उन्होंने दुहाई दी और कहा कि जब मंत्री पद पर बैठे गोपाल कांडा पर आरोप लगे थे तो उनकी कॉन्ग्रेस पार्टी ने नैतिक ज़िम्मेदारी समझते हुए, गोपाल कांडा को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया था। सुरजेवाला ने उस समय मोदी और शाह द्वारा गोपाल कांडा पर दिए गए उनके बयानों का भी ज़िक्र किया। इस दौरान कॉन्ग्रेस पार्टी की महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने ट्वीट करके इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति जताई थी।
श्री @AmitShah जी
— Sushmita Dev (@sushmitadevinc) October 25, 2019
गोपाल कांडा जैसे अपराधी से गठजोड़ करना बेटियों की सुरक्षा को लेकर @BJP4India की प्रतिबद्धता के साथ साथ नैतिकता पर भी सवाल उठाता है. आज देश की बेटियां ये देख रही हैं कि आपके लिए क्या ज्यादा महत्त्वपूर्ण है – सत्ता या महिला सुरक्षा. #KandaBJPSeBetiBachao pic.twitter.com/BaqHT8Gvwu
गौरतलब है कि इस चुनाव में दुष्यंत चौटाला खुदको किंगमेकर समझ रहे थे मगर उनके लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है कि निर्दलीय विधायकों ने अपना विश्वास भाजपा के साथ जाने में जताया है। बता दें कि भाजपा नेता उमा भारती ने भी इस मसले पर पहले ही पार्टी के गोपाल कांडा से दूर होने के संकेत दिए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विजय गोयल सहित कई नेताओं के बयानों में इस बात का दावा है कि बीजेपी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि गोपाल कांडा से उनकी पार्टी किसी भी तरह का कोई समर्थन नहीं लेगी। रिपोर्ट के अनुसार गोयल ने यह भी कहा कि न हमने उन्हें टिकट दिया था और न ही कही समर्थन की बात। अब जब 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 40 सीटें मिली हैं। और समर्थन में बहुमत के लिए ज़रूरी 6 की जगज 9 विधायक तैयार हैं तो अगर इसमें से गोपाल कांडा को हटा भी दें तो भी भाजपा आसानी से बहुमत का आँकड़ा पार कर लेगी। ऐसा करना स्वच्छ राजनीति और बीजेपी दोनों के लिए अच्छा है।