भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की 23वीं सूची जारी कर दी है, जिसमें दिल्ली की 4 सीटें भी शामिल हैं। दिल्ली की चारों सीटों पर वर्तमान सांसदों को ही टिकट दिया गया है। चाँदनी चौक से 2014 के आम चुनाव में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को हराने वाले डॉक्टर हर्षवर्धन का टिकट बरकरार रखा गया है। भाजपा ने एक बार फिर उनकी साफ़-सुथरी छवि और सौम्य व्यक्तित्व के आधार पर इस सीट को जीतने की उम्मीद लगाई है। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी नार्थ-ईस्ट दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे। इस सीट पर पूर्वांचलवासियों की अच्छी-ख़ासी तादाद है और पूर्वांचल के लोगों के बीच लोकप्रिय भोजपुरी गायक-अभिनेता के लिए ये सुरक्षित सीट मानी जा रही है।
वेस्ट दिल्ली से वर्तमान सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा पर ही भरोसा जताया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा ने पिछले आम चुनाव में रिकॉर्ड 2,68,586 वोटों से जीत दर्ज की थी। ये दिल्ली आम चुनाव में जीत का सबसे बड़ा अंतर था। प्रवेश ने इसका श्रेय अपने पिता द्वारा किए गए कार्यों और मोदी लहर को दिया था। साउथ दिल्ली से वर्तमान सांसद रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया गया है। अभी एक दिन पहले ही आम आदमी पार्टी ने उन पर वादाख़िलाफ़ी का आरोप लगाया था। पार्टी ने बिधूड़ी का रिपोर्ट कार्ड जारी कर उन पर कई आरोप लगाए थे।
इस सूची में मध्य प्रदेश की इंदौर सीट के लिए शंकर लालवानी का नाम तय किया गया है। वर्तमान सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल की संगठनात्मक जिम्मेदारियों का हवाला देकर इस सीट से न लड़ने की बात कही थी। इसके बाद लम्बे समय से स्थानीय स्तर पर सक्रिय लालवानी का नाम फाइनल किया गया। इंदौर भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय है क्योंकि यहाँ लगातार पिछले 8 चुनावों से ताई के नाम से पुकारी जाने वाली सुमित्रा महाजन का कब्ज़ा है और 30 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब वो चुनाव नहीं लड़ रही हैं।
पंजाब के अमृतसर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का नाम तय किया गया है। भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रह चुके पुरी को मंत्री बनाने के बाद राज्यसभा में निर्विरोध चुना गया था। अमृतसर में पिछले चुनाव में अरुण जेटली को हार मिली थी। ऐसे में भाजपा ने स्थानीय बनाम बाहरी मुद्दा फिर से न उछले, इसी बात को ध्यान में रखकर पुरी को टिकट दिया है।
उत्तर प्रदेश की घोसी सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ समझौता न होने के कारण भाजपा ने हरिनारायण राजभर का नाम घोषित कर दिया। हरिनारायण ने 2014 में पहली बार इस सीट पर भगवा परचम लहराया था। राजभर की संसद में उपस्थिति 95% से भी अधिक रही है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने दो टूक कह दिया था कि वो या उनके पुत्र भाजपा के चुनाव चिह्न पर नहीं लड़ेंगे। पिछले सप्ताह ही उन्होंने 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये थे। उपर्युक्त सभी सीटों पर छठे और सातवें चरण में मतदान होना है।