Tuesday, November 19, 2024
Homeराजनीतिमुस्लिम बहुल मालवणी में मुंबई पुलिस ने फाड़ दिए थे भगवान राम के पोस्टर,...

मुस्लिम बहुल मालवणी में मुंबई पुलिस ने फाड़ दिए थे भगवान राम के पोस्टर, कार्रवाई को लेकर बीजेपी का प्रदर्शन

"भारत में कोई संवेदनशील क्षेत्र नहीं है। यहाँ तक ​​कि कश्मीर भी अब संवेदनशील क्षेत्र नहीं रह गया है, वह भी भारत का अभिन्न अंग बन गया है। यदि मालवणी एक संवेदनशील क्षेत्र है, तो यह पुलिस की विफलता है।"

मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाके मालवणी में भगवान राम के पोस्टर फाड़ने को लेकर बीजेपी ने प्रदर्शन किया। राम मंदिर समर्पण निधि अभियान से जुड़े पोस्टर फाड़ने का आरोप मुंबई पुलिस पर है। शनिवार (24 जनवरी, 2021) को मलाड के मालवणी पुलिस स्टेशन के पास विरोध-प्रदर्शन करने वाले नेता दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मॉंग कर रहे थे।

बता दें कि 15 जनवरी को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पोस्टर फाड़ते मुम्बई पुलिस को देखा गया था। मामले के तूल पकड़ने पर सफाई देते हुए पुलिस ने कहा था कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि ‘मालवणी एक संवेदनशील क्षेत्र है’।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद कुछ लोग मालवणी पुलिस स्टेशन के पास इकट्ठा होकर विरोध दर्ज करने पहुँचे और ‘जय श्री राम’ के नारे लगा कर मामले में सख्त कार्रवाई की माँग की थी। लेकिन पुलिस ने उन्हीं के खिलाफ दंगे भड़काने का मामला दर्ज कर दिया।

मुंबई पुलिस के रवैए को देखते हुए भाजपा की स्थानीय इकाई ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पोस्टर हटाने का काम बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का है। पुलिस ने जान-बूझकर कर गैरकानूनी तरीके से राम मंदिर के दान के लिए लगे पोस्टर को फाड़ने का काम किया।

उत्तरी मुंबई के भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी और विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने शनिवार को मालवणी पुलिस स्टेशन के पास विरोध-प्रदर्शन करते हुए पोस्टर हटाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की।

इसके अलावा भाजपा नेताओं ने मालवणी के मुस्लिम बहुल इलाके में हिन्दुओं को डरा धमका कर घर छोड़ने और बेचने के लिए मजबूर करने और इलाके में चल रहे ड्रग्स के धंधे का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने माँग की कि क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की बदतर स्थिति को देखते हुए यहाँ दो पुलिस स्टेशनों की आवश्यकता है।

शेट्टी ने कहा, “भारत में कोई संवेदनशील क्षेत्र नहीं है। यहाँ तक ​​कि कश्मीर भी अब संवेदनशील क्षेत्र नहीं रह गया है, वह भी भारत का अभिन्न अंग बन गया है। यदि मालवणी एक संवेदनशील क्षेत्र है, तो यह पुलिस की विफलता है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमें आश्वासन दिया गया है कि पोस्टर हटाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ जाँच शुरू की जाएगी। मैं यह सुनिश्चित करूँगा, कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अगर कोई पोस्टर गैरकानूनी है, तो उसे हटाना बीएमसी का काम है, पुलिस का नहीं।”

गौरतलब है कि इस मामले में सबसे पहले विहिप कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई थी। विहिप नेता ने उक्त घटना के बारे में नाम न जाहिर करने की शर्त पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि 15 जनवरी, 2021 को डोनेशन ड्राइव के बाद VHP नेता व कार्यकर्ता घर लौट रहे थे। उसी दौरान हमारे कार्यकर्ताओं ने देखा कि मुंबई पुलिस राम मंदिर निधि संकलन के पोस्टर्स को फाड़ रही है। इन पोस्टरों को एक-एक कर हटाया भी जा रहा था।

कुछ विहिप नेताओं ने अपने मोबाइल फोन पर इस घटना को रिकॉर्ड भी कर लिया था। जब मुंबई पुलिस ने अपनी हरकतों को मोबाइल फोन के कैमरे में कैद होते हुए देखा तो उनमें से एक अधिकारी ने एक विहिप नेता की पिटाई शुरू कर दी थी।

जब मुंबई पुलिस से इस घटना को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कथित रूप से कहा था कि राम मंदिर के ये पोस्टर्स विवादित थे और इससे स्थानीय लोगों की भावनाएँ भड़क रही थीं। साथ ही ये भी बताया कि उन्हें ‘ऊपर से आदेश’ मिला है कि राम मंदिर समर्पण निधि के पोस्टर्स को हटाया जाए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -