मुंबई पुलिस पर मुस्लिम बहुल इलाके में भगवान श्रीराम के पोस्टर फाड़ने का आरोप, 3 विहिप नेताओं को गिरफ्तार किया

मुंबई पुलिस पर मालवणी में भगवान राम के पोस्टर फाड़ने का आरोप

मुंबई पुलिस ने मालवणी में कथित रूप से विश्व हिन्दू परिषद् (VHP) के कम से कम 3 नेताओं को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन विहिप नेताओं ने ‘राम मंदिर समर्पण निधि’ अभियान के लिए पोस्टर लगाए थे, जिसके बाद मुंबई पुलिस ने ये कार्रवाई की। एक विहिप नेता ने ये भी आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने भगवान राम के पोस्टर को फाड़ डाला। सोशल मीडिया में इस घटना को लेकर लोग रोष जता रहे हैं।

राम मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने हेतु विहिप अभियान चला रहा है, जिसके तहत लोगों से चंदा माँगा जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी 5 लाख रुपए देकर अपना योगदान दिया था। अयोध्या में भगवान रामलला के ‘भव्य और दिव्य’ मंदिर के निर्माण के लिए ये धनराशि इकट्ठी की जा रही है। एक विहिप नेता ने उक्त घटना के बारे में नाम न जाहिर करने की शर्त पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शुक्रवार (जनवरी 15, 2021) को डोनेशन ड्राइव के बाद VHP नेता व कार्यकर्ता घर लौट रहे थे।

उन्होंने बताया, “हमारे कार्यकर्ताओं ने देखा कि मुंबई पुलिस राम मंदिर निधि संकलन के पोस्टर्स को फाड़ रही है। इन पोस्टरों को एक-एक कर हटाया भी जा रहा था। कुछ विहिप नेताओं ने अपने मोबाइल फोन पर इस घटना को रिकॉर्ड भी कर लिया।” आरोप है कि जब मुंबई पुलिस ने अपनी हरकतों को मोबाइल फोन के कैमरे में कैद होते हुए देखा तो उनमें से एक अधिकारी ने एक विहिप नेता की पिटाई शुरू कर दी।

जब मुंबई पुलिस से इस घटना को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कथित रूप से कहा कि राम मंदिर के ये पोस्टर्स विवादित थे और इससे स्थानीय लोगों की भावनाएँ भड़क रही थीं। साथ ही ये भी बताया कि उन्हें ‘ऊपर से आदेश’ मिला है कि राम मंदिर समर्पण निधि के पोस्टर्स को हटाया जाए। बता दें कि मालवणी, मुंबई का एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। 3 विहिप नेताओं पर पुलिस की ड्यूटी में विघ्न डालने और उन्हें रोकने का आरोप लगा कर हिरासत में लिया गया।

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इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसकी सूचना मिलते ही संघ, विहिप और भाजपा के कार्यकर्ता थाने में ही धरने पर बैठ गए और उन तीनों को छोड़ने की माँग करने लगे। उनकी माँग थी कि तीनों विहिप नेताओं को त्वरित रिहा किया जाए। सुबह के 4 बजे ACP मौके पर पहुँचे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि तीनों विहिप नेताओं के खिलाफ तय किए गए आरोप हटाए जाएँगे।

उन तीनों को थाने से रिहा भी कर दिया गया। साथ ही जिन पुलिस अधिकारियों और जवानों ने राम मंदिर निधि संकलन के पोस्टर फाड़े थे, उनके खिलाफ कार्रवाई का भी आश्वासन ACP द्वारा दिया गया है। मुंबई भाजपा के अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा ने भी इस घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि मालवणी की परिस्थिति आए दिन गंभीर होती नजर आ रही है और यहाँ पर प्रभु श्रीराम के पोस्टर लगाना अपराध सा माना जा रहा है।

विहिप नेताओं की गिरफ़्तारी के बाद धरने पर बैठे हिन्दू कार्यकर्ता

उन्होंने कहा, “मालवणी पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था, पोस्टर भी फाड़ दिए थे। इस विषय को लेकर जल्द ही पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करूँगा।” इसी क्षेत्र में मस्जिदों में तेज़ आवाज़ में बज रहे लाउडस्पीकर्स को लेकर भी शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसका अब तक पुलिस ने कोई निदान नहीं निकाला है, जबकि राम मंदिर के पोस्टर्स को हटाने में पुलिस गजब की तत्परता दिखा रही है।

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हाल ही में खबर आई थी कि मालवणी के मुस्लिम बहुल इलाके में हिंदुओं को लगातार डराया-धमकाया जा रहा है, ताकि वो अपनी घर-जमीन छोड़कर वहाँ से पलायन कर जाएँ। एक समय में इस इलाके में 100 से ज्यादा हिंदू परिवार रहा करते थे। लेकिन, अब हिंदू परिवारों की संख्या सिर्फ़ 8 से 10 रह गई है और वह भी बहुसंख्यक आबादी के बीच से निकल कर भागना चाहते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंदू परिवारों पर दबाव बनाने वाले (मुस्लिम) गुंडों को स्थानीय कॉन्ग्रेस नेता व महा विकास आघाड़ी सरकार में कैबिनेट मंत्री असलम शेख का संरक्षण प्राप्त है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया