राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी रामलला को 24 नवंबर को सौंपी जाएगी। रामलला विराजमान की तरफ से कानूनी लड़ाई लड़ने वाले वकीलों का एक दल अयोध्या पहुॅंच उन्हें आदेश की कॉपी देंगे और आशीर्वाद लेंगे। वहीं, भाजपा नेता संसद सुब्रह्मण्यम स्वामी 23 नवंबर को अयोध्या जाएँगे। स्वामी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
I will be in Ayodhya on November 23rd, and soon after in Varanasi to visit Kashi Vishvanath for on the spot investigation.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 17, 2019
बताया जा रहा है कि सुब्रह्मण्यम स्वामी वकीलों के दल का स्वागत करेंगे। कारेसवकपुरम में वकीलों का अभिनंदन किया जाएगा। वकीलों के इस दल में रामलला की पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट के. परासरण और उनके परिवार के करीब 2 दर्जन सदस्य भी होंगे। वकीलों का यह दल रामलला का दर्शन करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी परिसर के रिसीवर अयोध्या के कमिश्नर को सौंपेगा।
वकीलों का यह दल सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी पेश कर रामलला के आशीर्वाद लेगाhttps://t.co/DoDZhZGXnu
— आज तक (@aajtak) November 19, 2019
स्वामी ने अयोध्या यात्रा को लेकर जो ट्वीट किया है उसमें वाराणसी जाने की बात भी कही है। उन्होंने कहा है कि वह काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में ‘स्पॉट इनवेस्टिगेशन’ के लिए आएँगे। भाजपा नेता ने बीते दिनों एक इंटरव्यू में कहा था, “हमें तीन मंदिर चाहिए। एक राम मंदिर, दूसरा कृष्ण जन्मस्थान मथुरा का कृष्ण मंदिर और तीसरा काशी विश्वनाथ। काशी विश्वनाथ और कृष्ण मंदिर के तो सबूत भरपूर हैं। ये (राम मंदिर) सबसे मुश्किल था।”
काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में मौजूद उपासना स्थल को लेकर भी लंबे समय से आवाज उठती रही है। राम जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद स्वामी के वाराणसी आने और ‘स्पॉट इन्वेस्टिगेशन की बात लिखने से वाराणसी में भी सरगर्मी बढ़ गई है।