उन्होंने बुधवार (5 सितंबर 2024) को कहा, “पिछले चार सालों में नागाँव और मोरीगाँव में मछली पालन करने वाले लोगों की वजह से राज्य में किडनी की बीमारियाँ बढ़ रही हैं।” सीएम ने कहा कि इन दोनों जिलों में उत्पादक मछली पालन में यूरिया का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि नागाँव और मोरीगाँव में अप्रवासी मुस्लिम (मियाँ) मछली उद्योग पर हावी हैं। ऐसे लोगों से मछली लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
असम के कुछ लोग जानबूझकर यूरिया से भरी हुई मछली जनता तक पहुँचा रहे हैं। जनता को सतर्क रहना चाहिए, सरकार भी कार्रवाई कर रही है। pic.twitter.com/VgN9bysKLF
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 4, 2024
उन्होंने ट्वीट कर कहा, असम के कुछ लोग जानबूझकर यूरिया से भरी हुई मछली जनता तक पहुँचा रहे हैं। जनता को सतर्क रहना चाहिए, सरकार भी कार्रवाई कर रही है। वह बोले ऐसे लोगों से मछली न खरीदें जो व्यापार बढ़ाने के लिए शॉर्टकट का रास्ता अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि मछली उत्पादन बढ़ाने के जैविक तरीके हैं। अगर मछली उत्पादन के लिए शॉर्टकट रास्ता अपनाया जाता रहेगा। तो यह काम नहीं करेगा।
वह बोले- मछली असम में लोगों के आहार और संस्कृति का अभिन्न अंग है। राज्य को हर महीने लगभग 40000 मीट्रिक टन मछली चाहिए होती है। यहाँ मोरीगाँव नागाँव और कछार राज्य के शीर्ष मछली उत्पादक हैं। उन्होंने ऊपरी असम के लोगों से भी कहा कि वह बाजार पर कब्जा करें, लेकिन लड़ाई करके नहीं बल्कि लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए।
बता दें कि कुछ दिन पहले असम के नागाँव में एक नाबालिग के साथ विशेष समुदाय के लड़कों द्वारा गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था। सीएम सरमा ने उस समय भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि आजकल इन लोगों की हिम्मत बहुत बढ़ गई है। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।