Saturday, November 16, 2024
HomeराजनीतिCM शिवराज से कॉन्ग्रेसी नेता ने लगाई गुहार, कहा - 'प्लीज, सिंधिया कैम्प के...

CM शिवराज से कॉन्ग्रेसी नेता ने लगाई गुहार, कहा – ‘प्लीज, सिंधिया कैम्प के किसी को राजस्व मंत्री न बनाएँ’

जिस कॉन्ग्रेसी मंत्री ने यह आरोप लगाते हुए गुहार लगाई है, वह खुद कमलनाथ सरकार के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया के सहयोगी थे और राजस्व मंत्री भी थे। ऐसे में यह पूछा जाना चाहिए कि उनके राजस्व मंत्री रहते सिंधिया ने जनता की कितनी जमीन अपने ट्रस्ट के नाम करवाई थी?

मध्य प्रदेश की राजनीति एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। इस बार सुर्ख़ियों की वजह है ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाए गए आरोप। हालाँकि कॉन्ग्रेस छोड़ने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगते ही रहे हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि कॉन्ग्रेस के एक नेता ने उन पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगाई है।

कॉन्ग्रेस के नेता गोविंद सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि वह राजस्व पोर्टफोलियो सिंधिया कैम्प के किसी व्यक्ति को न दें। क्योंकि ऐसा होने पर राजस्व विभाग के मुखिया की मदद से वह सरकारी ज़मीन अपने ट्रस्ट के नाम करवा सकते हैं।  

कॉन्ग्रेस नेता गोविंद सिंह

गोविंद सिंह ने कहा –

“ग्वालियर उच्च न्यायालय के तमाम अधिवक्ता समेत कलेक्ट्रेट भी उनकी इस प्रक्रिया में मदद करते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए राजस्व मंत्री की मदद से सरकारी ज़मीन अपने ट्रस्ट के नाम करवाना आसान हो जाता है। इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मेरा निवेदन है कि वह सिंधिया कैम्प से जुड़े किसी भी व्यक्ति को राजस्व मंत्रालय का कार्यभार न दें। प्रदेश के 7 करोड़ लोगों का हित देखते हुए सरकार को यह ज़मीन बचानी चाहिए।” 

कॉन्ग्रेस नेता गोविंद सिंह ने यह भी कहा कि आज़ादी के बाद सिंधिया परिवार ने कई सरकारी ज़मीनों पर कब्ज़ा कर लिया था। आरोप लगाए जाने के बाद मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने जवाब दिया।

विश्वास सारंग ने कहा, “कॉन्ग्रेस के नेता अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। अगर इस तरह के अ-मूल्य सुझाव पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दिए गए होते तो जनता का हित बेहतर तरीके से सुनिश्चित होता। सिंधिया कॉन्ग्रेस में रहते हुए इंसाफ के लिए लड़ते रहे, जब किसानों का क़र्ज़ माफ़ नहीं हुआ तब उन्होंने कॉन्ग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने कॉन्ग्रेस कभी अपने हित के लिए नहीं छोड़ी।”  

दिलचस्प बात यह है कि कमलनाथ सरकार के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया के सहयोगी गोविंद सिंह, राजस्व मंत्री थे। ऐसे में यह पूछा जाना चाहिए कि खुद गोविंद सिंह के राजस्व मंत्री रहते सिंधिया ने जनता की कितनी जमीन अपने ट्रस्ट के नाम करवाई थी?

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -