असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य की डेमोग्राफी बदलने के लिए रची जा रही साजिश पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कुछ समूह 2050 तक न सिर्फ असम की सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं, बल्कि 2050 तक यहाँ की डेमोग्राफी को भी बदल देना चाहते हैं। उन्होंने दरांग जिले के सिपाझार में स्थित गोरुखूँटी गाँव में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस पर हमले के मद्देनजर ये बात कही।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गुरुवार (30 सितंबर, 2021) को कहा कि सिपाझार में हुई हिंसा के दौरान जिन अतिक्रमणकारियों ने पुलिस पर हमला किया था, उनमें से अधिकतर बाहर से आए थे और डलगाँव व बाघबोर से आए इन लोगों ने इलाके पर अपना कब्ज़ा जमा लिया था। बता दें कि उस हमले में 3 लोगों की मौत हो गई थी और असम पुलिस के 11 जवान घायल हुए थे। उस गाँव में बंगाली बोलने वाले मुस्लिमों की बहुलता है।
असम के सीएम ने कहा, “उनकी साजिश रही है कि धीरे-धीरे जमीनों का अतिक्रमण किया जाए। होजाइ जिले का लुमडिंग क्षेत्र और सोनितपुर का बरछाला भी उनके निशाने पर रहा है। उन्होंने नागाँव के बतदरोबा पर पहले ही कब्ज़ा जमा लिया है। हर 5 वर्ष के बाद कई क्षेत्रों की डेमोग्राफी बदलने की साजिश रची जाती है। पहले मेरी पहुँच उन कागज़ातों तक नहीं थी, लेकिन अब मैंने ख़ुफ़िया रिपोर्ट्स के साथ-साथ उन दस्तावेजों को भी देखा है।”
‘Encroachment conspiracy to change Assam’s demography’ https://t.co/JHRMWvDbfZ @TheAsianAgeNews @mygovassam @himantabiswa @RSSorg @AmitShahOffice @PMOIndia @gpsinghips pic.twitter.com/PWjK0MMYpK
— Manoj Anand (@manojananda) September 30, 2021
उन्होंने कहा कि इन चीजों को देख कर स्पष्ट है कि असम की डेमोग्राफी में बदलाव कर के 2050 तक सत्ता हथियाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि गोरुखूँटी गाँव में जो 10,000 लोग रह रहे थे, उनमें से 6000 के नाम NRC में दर्ज नहीं हैं। जबकि वहाँ के जो स्थानीय निवासी हैं, उनके पास सारे दस्तावेज हैं। उन्हें बसाने के लिए सरकार द्वारा 6-6 बीघा जमीन दी जानी है। सीएम सरमा ने कहा कि ये एक ‘राजनीतिक डिजाइन’ है, जिसके तहत अतिक्रमण किया जा रहा है।
उधर असम के दरांग जिले में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान हुई हिंसा को लेकर मध्य-पूर्व के कट्टर इस्लामी भी प्रोपेगंडा चला रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि भारत में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। असम की घटना का हवाला दे कुछ लोग हिंदुओं के बहिष्कार की माँग करते हुए अन्य इस्लामी देशों से भारत के खिलाफ एकजुटता की अपील कर रहे हैं।