दिल्ली विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही चुनावी सरगर्मियाँ तेज होती जा रही हैं। विधानसभा चुनाव में बेहद कम वक्त रह गया है। इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) को चुनाव प्रचार के लिए प्रशांत किशोर की कंपनी का साथ मिल गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार (दिसंबर 14, 2019) को खुद इसकी जानकारी ट्वीट करते हुए दी है।
Happy to share that @indianpac is coming on-board with us. Welcome aboard!
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 14, 2019
AAP ने विधानसभा चुनाव के लिए देश के मशहूर पेशेवर राजनीतिक रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर से हाथ मिलाया है। सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, “ये बताते हुए खुशी हो रही है कि इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) अब हमारे साथ काम करेगी, आपका स्वागत है।” प्रशांत किशोर की कंपनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने भी इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है।
After Punjab results, we acknowledged you as the toughest opponent that we have ever faced. Happy to join forces now with @ArvindKejriwal and @AamAadmiParty. https://t.co/5Rcz4ie6Xs
— I-PAC (@IndianPAC) December 14, 2019
वहीं प्रशांत किशोर के आम आदमी पार्टी के साथ जाने पर कॉन्ग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने कहा, “प्रशांत किशोर जिसके साथ चाहे काम कर सकते हैं, लेकिन दिल्ली के लोगों को शीला दीक्षित के काम याद हैं। कॉन्ग्रेस दिल्ली में बहुत अच्छा करेगी।”
बता दें कि प्रशांत किशोर की कंपनी चुनाव के दौरान कई राजनीतिक दलों को प्रचार में सहयोग कर चुकी है। ज्यादातर मामलों में कंपनी को बड़ी सफलता हाथ लगी है। नरेंद्र मोदी के 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान और जीत के पीछे प्रशांत किशोर बड़े हीरो के रूप में उभरे थे। 2014 की भाजपा की जीत का श्रेय प्रशांत किशोर के कैंपेन को ही दिया जाता है। इसके साथ ही प्रशांत ने बिहार में महागठबंधन, तेलंगाना में टीआरएस के लिए और हाल ही में हुए महाराष्ट्र चुनाव में उद्धव ठाकरे के लिए भी चुनाव मैनेजमेंट किया था।
वैसे राजनीतिक तौर पर देखें तो प्रशांत किशोर जनता दल (यूनाइटेड) से ताल्लुक रखते हैं। राजनीति में आने के पहले वह 8 सालों तक यूनाइटेड नेशन के लिए भी काम कर चुके हैं। जेडीयू से अलग उनकी एक राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर भी पहचान है। गौरतलब है कि उनका पहला राजनीतिक अभियान वर्तमान पीएम और तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी के समर्थन में साल 2011 में रहा था। इस दौरान तत्कालीन सीएम मोदी ने तीसरी बार गुजरात में बड़ी चुनावी जीत हासिल की थी।