दिल्ली की एक अदालत ने मानहानि के एक मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि इस मामले में जमानत लेने के लिए केजरीवाल को 13 दिसंबर से पहले व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होना होगा।
‘Appear In Person Before Court To Take Bail In Defamation Case’: Delhi Court Directs Arvind Kejriwalhttps://t.co/NCRgA1O5Ef
— Swarajya (@SwarajyaMag) November 30, 2019
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने कहा, “यह गौर करने वाली बात है कि आरोपी ने आज तक जमानत नहीं ली है। इस प्रकार मामले को अग्रिम जमानत बॉन्ड भरने के साथ-साथ अनुच्छेद 251 सीआरपीसी के अंतर्गत औपचारिक नोटिस के लिए स्थगित किया गया है। आरोपी को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया जाता है।”
अदालत ने विकास सांकृत्यायन द्वारा दायर मानहानि शिक़ायत पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया। विकास ने दावा किया था कि 6 मई, 2018 को ‘बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2’ नामक एक YouTube वीडियो जर्मनी में रहने वाले ध्रुव राठी ने पोस्ट किया था, उसमें “कई झूठे और मानहानि के आरोप लगाए गए थे।”
सांकृत्यायन ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सत्यता की जाँचे बिना अपने ट्विटर अकाउंट से वीडियो को रीट्वीट किया। शिक़ायत के अनुसार, “शिक़ायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वीडियो में उसके ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप झूठे, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक हैं और इस वजह से सही सोच वाले सदस्यों की नज़र में शिक़ायतकर्ता की प्रतिष्ठा को समाज में कम हो गई। अभी तक लगाए गए आरोपों का कोई सबूत नहीं दिया गया है।”
शिक़ायत में इस बात का भी ज़िक्र है कि चूँकि केजरीवाल को करोड़ों लोग फॉलो करते हैं, “इसके कारण यह वीडियो न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँच गया है।”