Sunday, November 17, 2024
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2015 नहीं, 1998 की याद दिला रही दिल्ली की जनता, AAP के लिए खतरे की घंटी!

दिल्ली में अब तक सबसे कम वोटिंग 1998 के विधानसभा चुनाव में हुई थी। उस चुनाव में मह​ज 48.99 फीसदी वोट पड़े थे। इस बार शाम 4 बजे तक मात्र 42.70 फीसदी ही मतदान हुआ था।

दिल्ली में मतदान की गति बेहद धीमी है। अतीत के अनुभवों को देखते हुए यदि इसे मतदाताओं के मूड का संकेत माना जाए तो सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लिए इसे बुरी खबर कह सकते हैं। दिल्ली में 1.47 करोड़ लोग मताधिकार का प्रयोग करने योग्य हैं जो 672 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें से पुरुषों की संख्या 81.05 लाख है, वहीं महिला वोटरों की संख्या 66.80 लाख है। पहली बार वोट डालने वालों की संख्या 2.32 लाख है।

शाम 4 बजे तक मात्र 42.70 फीसदी ही मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के मुताबिक शाम 3.50 मिनट तक 41.21 फीसद मतदान हुआ। शाम 3:30 बजे तक 40.51 फीसदी मतदान हुआ था।

दोपहर 3 बजे दिल्ली में 30.18 फीसदी वोटिंग हुई। इस दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 37.35 प्रतिशत, पूर्वी दिल्ली में 31.99 प्रतिशत, उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली में 29.50 प्रतिशत, पश्चिम दिल्ली 31.93 प्रतिशत, दक्षिण दिल्ली में 31.82 प्रतिशत, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में 21.37 प्रतिशत और मध्य दिल्ली में 30.40 प्रतिशत मतदान हुआ।

चुनाव आयोग के अनुसार दोपहर 2 बजे तक 28.14 फीसद मतदान हुआ। दोपहर 1 बजे तक महज 19.37 प्रतिशत वोट ही डाले गए थे। 12 बजे तक 15.57 वोट डाले गए थे। इस समय में सबसे अधिक वोट प्रतिशत सुल्तानपुर माजरा में दर्ज किया गया। यहाँ पर 25% वोट पड़े थे, जबकि मुस्लिम बहुल इलाके ओखला में मात्र 5% ही मतदान हुआ था। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि सुबह आठ बजे शुरू हुए मतदान के पहले घंटे में 3.66 प्रतिशत मतदान हुआ।

इन वोटिंग रफ्तार को देखकर ऐसा लग रहा है कि कहीं दिल्ली की जनता 1998 का रिकॉर्ड तो नहीं तोड़ देगी? बता दें कि 1998 के विधानसभा चुनावों में दिल्ली के मतदाताओं ने अब तक सबसे कम मतदान महज 48.99 फीसदी वोट दिए थे। दिल्ली विधानसभा के साल 2015 के चुनाव में 67.13 फीसदी मतदान हुआ था। वहीं, 2013 के विधानसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत 65.63 रहा। इससे पहले 2008 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में 57.58 फीसदी लोगों ने वोटिंग की थी तो 2003 के विधानसभा चुनाव में 53.42 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

दिल्ली ने 2013 और फिर 2015 में मतदान का नया रिकॉर्ड कायम किया। जनता ने रिकॉर्ड तोड़ मतदान करके दिल्ली की सरकार बदल दी। दोनों ही बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। ऐसे में इस बार दिल्ली का मूड क्या है यह 11 फरवरी को नतीजे आने के बाद ही पता चलेंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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