नई आबकारी नीति 2021-22 को रद्द कर निजी शराब दुकानों पर ताला लगाने के बाद अब दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के पॉश इलाके में प्रीमियम लिकर शॉप खोलने का निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार की ऐसी कुछ दुकानें 1 सितंबर से शुरू करने का फैसला किया है।
केजरीवाल सरकार सरकारी शराब दुकानों को चलाने वाले अपने चार विभागों- दिल्ली राज्य औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम (DSIIDC), दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (DTTDC), दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर (DCCWS) और दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (DSCSC) के जरिए ये दुकानें खोलेगी। सरकार के चारों विभाग 5-5 प्रीमियम शराब दुकान खोलेगी।
इनमें से हर विभागों 1 सितंबर से अपने दो प्रीमियम शॉप शुरू कर देगा, जबकि इस साल दिसंबर तक बाकी तीन दुकानों को भी शुरू कर देगा। इन प्रीमियम शॉप में आयातित और महंगे शराब बेचे जाएँगे। ये मॉल, बड़े बाजारों और पॉश एरिया में खोले जाएँगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसका उद्देश्य पड़ोसी राज्यों से काला बाजारी और तस्करी को रोकने के लिए बिक्री को अधिकतम करना है। इसके लिए सरकार ने दुकानों का आकार को भी कम कर 300-500 वर्ग फुट कर दिया है।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के अनुसार, “पुरानी नीति के तहत आयातित ब्रांड निजी विक्रेताओं द्वारा बेचे जाते थे, जबकि सरकारी दुकानों में बड़े पैमाने पर देशी शराब और कुछ भारतीय निर्मित विदेशी शराब की बिक्री होती थी। अब सरकार ने निजी दुकानों को बंद कर दिया है तो प्रीमियम वेंड खोलने की योजना है, ताकि लोग बिना किसी हड़बड़ी के अंदर जा सकें और खरीद सकें।”
बता दें कि उप-राज्यपाल के साथ मतभेद के बाद दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति 2021-22 को 31 जुलाई से खत्म कर दिया था। इसमें निजी शराब दुकानों को बिक्री का लाइसेंस दिया गया था। इस नीति को खत्म करने के बाद सरकार ने सरकारी दुकानों में शराब बिक्री की पुरानी शराब नीति लागू कर दी थी।
पुरानी आबकारी व्यवस्था को लागू करने की घोषणा करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा था, “हम भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नई शराब नीति लाए। इससे पहले सरकार को 850 शराब की दुकानों से करीब 6,000 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता था। नई नीति के बाद हमारी सरकार को उन्हीं दुकानों से 9,000 करोड़ रुपए से अधिक मिले।”
मनीष सिसोदिया ने कहा था कि नई नीति से पहले सरकारी दुकानों में शराब बेची जाती थीं, लेकिन निजी दुकानें भी थीं। इन निजी दुकानों के लाइसेंस अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को दे दिए जाते थे। इसमें खूब भ्रष्टाचार होता था। इस भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ही नई आबकारी नीति लागू की गई थी।
बता दें कि कुछ दिन पहले दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने नई शराब नीति में अनियमितताओं को लेकर सीबीआई जाँच के आदेश दिए थे। दिल्ली सरकार ने इसके खिलाफ खूब हल्ला बोल किया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने अंतत: इसे वापस लेने का फैसला लिया।