दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बस और शराब घोटाले के बाद अब उन पर स्टाम्प ड्यूटी चोरी के आरोप लगे हैं। दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (VK Saxena) ने उनके खिलाफ जाँच के आदेश दिए हैं।
सीएम केजरीवाल पर आरोप है कि हरियाणा के भिवानी में केजरीवाल ने 4.54 करोड़ रुपए में 3 प्लॉट बेचे थे, जिसकी कीमत उन्होंने कम करके दिखाई है। कागज पर इनकी कुल कीमत सिर्फ 72.72 लाख रुपए दिखाई गई है। शिकायत मिलने के बाद उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जाँच के लिए कहा है।
बता दें कि कुछ दिन पहले दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ठिकानों पर शराब घोटाले को लेकर सीबीआई ने छापेमारी की थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार (7 सितंबर 2022) को एक प्रेस कॉन्फ्रेस करके उपराज्यपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
शिकायत में कहा गया है कि सीएम केजरीवाल ने 15 फरवरी 2021 को अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के माध्यम से 45,000 रुपए प्रति वर्ग गज के बाजार मूल्य पर अपने प्लॉट बेचे थे। वहीं, कागजों पर इसका मूल्य सिर्फ 8,300 प्रति वर्ग गज बताया गया है। शिकायत में कहा गया है, “इनमें से दो संपत्तियाँ खुद अरविंद केजरीवाल के नाम पर थीं, जबकि तीसरी संपत्ति उनके पिता गोविंद राम के नाम पर थी।”
शिकायतकर्ता का कहना है कि बाजार मूल्य से कम रेट दिखाकर सीएम केजरीवाल ने न सिर्फ स्टाम्प ड्यूटी में 25.93 लाख रुपए का चूना लगाया, बल्कि पूंजीगत लाभ कर के रूप में 76.4 लाख रुपए की भी हेरफेर की।
शिकायतकर्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कागज पर 8,300 वर्ग गज की दर से 340 वर्ग गज के प्लॉट को 24.48 लाख रुपए, 416 वर्ग गज के प्लॉट को 30 लाख रुपए और 254 वर्ग गज के प्लॉट को 18.24 लाख रुपए में बेचना दिखाया है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि इन भूखंडों का बाजार मूल्य बहुत अधिक है और उन्होंने 45,000 वर्ग गज के हिसाब से इसे बेचा था। इन तीनों भूखंडों के लिए उन्होंने स्टाम्प शुल्क 1,41,200 रुपए, 1,73,700 रुपए और 1,12,500 रुपए भुगतान किया।