बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने हाल में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2022 में नुपूर शर्मा के ऊपर बात की। उन्होंने एक टीवी डिबेट शो के बाद देश में भड़के कट्टरपंथियों को लेकर कहा कि जो लोग तर्कों से नहीं जीत पाते वो बहस को तलवार से जीतने की कोशिश करते हैं। हिंदुत्व कभी तलवार, बम या बंदूक से नहीं खत्म हो सकता। इतिहास में बहुत कोशिशें हुई लेकिन जीत कोई नहीं पाया।
ट्विटर पर साझा की गई वीडियो में देख सकते हैं कि जब उनसे नुपूर शर्मा पर सवाल किया जाता है तो वह पूछते हैं, “अभी जो हो रहा है वो हो रहा है लेकिन स्वतंत्रता से पहले जो होता था तब भी नुपूर शर्मा थीं क्या? इतने सारे कत्लेआम किए गए। हजारों लोगों को मार दिया गया।”
“..Those who cannot win with arguments are trying to win with sword.
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) July 5, 2022
Hindu ideology can never be destroyed with swords,bombs & guns. Despite multiple attempts to wipe us out,no one has succeeded.
Those who lack arguments want to scare with swords..”#IndiaTodayConclaveEast2022 pic.twitter.com/eMhn46lsNz
इस पर एंकर ने उनसे पूछा कि क्या वो ये सब जस्टिफाई करने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर दिलीप घोष ने कहा,
ये सब जिस विचारधारा के कारण हो रहा है उसे बोलने से लोग डरते हैं। नुपूर का विषय कोर्ट में है। अगर गलत बात कही है तो उसका फैसला वहाँ पर हो जाएगा। आपके पास तर्क है तो उस तर्क को काटिए। चौड़े में आओ, टीवी चैनल पर बताओ गलत क्या कहा है। लेकिन आप जानते हैं सही कहा है तो आपका कपड़ा उतर जाएगा। विचारधारा को कोई तलवार से नहीं खत्म कर सकता। अगर ऐसा होता तो हजार साल राज हुआ तो हिंदुत्व खत्म हो जाता। क्यों नहीं हुआ?बम, बंदूक, तलवार सब चले। हजार लोग कत्लेआम हुए। खिलजी से लेकर नादिर शाह ने पूरे देश में खून की नदी बहा दी। लेकिन हिंदू खत्म हुए क्या? आज भी 100 करोड़ यही हैं। विचारधारा को खत्म नहीं किया जा सकता। आप खत्म हो जाएँगे। ये लोग तर्क से डरते हैं कि उन्होंने जो बोला सच था या गलत था ये सब चर्चा में साबित होना चाहिए।
बता दें कि इस चर्चा के दौरान घोष ने प्रदेश सीएम ममता बनर्जी पर धर्म दूषित करने का इल्जाम लगाया। उन्होंने कहा, “हमारा धर्म सिखाता है कि अपने धर्म का आचरण करो और दूसरे के धर्म का आदर। यहाँ उलटा होता है। हमारी मुख्यमंत्री हिंदू ब्राह्मण परिवार से हैं। पर पता नहीं वो आचरण क्या करती हैं। शाम में वो जाकर नमाज पढ़ती हैं। रोजे में भर पेट खाकर इफ्तार करती हैं। वह दूसरे के धर्म को भी दूषित करती हैं और अपने धर्म को भी दूषित करती हैं।”