Thursday, November 14, 2024
Homeबड़ी ख़बर'शुरू से दलाल है राकेश टिकैत, कॉन्ग्रेस की फंडिंग से चला रहा आंदोलन': किसान...

‘शुरू से दलाल है राकेश टिकैत, कॉन्ग्रेस की फंडिंग से चला रहा आंदोलन’: किसान नेता ने खोली पोल – ‘आंदोलन में चल रही दारू’

"राकेश टिकैत ऐसा व्यक्ति है, जिसने आज तक बिना ठगे कोई काम नहीं किया। किसान आंदोलन में केवल शराब पीने और पैसे लेने वाले ही शामिल हैं।''

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के अगुआ राकेश टिकैत के बारे में किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने राकेश टिकैत को सबसे बड़ा ठग बताया और कहा कि राकेश टिकैत प्रदर्शन कॉन्ग्रेस की फंडिंग के जरिए करवा रहे हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि लोगों को बिना ठगे तो राकेश टिकैत कोई भी काम नहीं करते हैं।

अंकुर सिंह नाम के यूजर के द्वारा शेयर किए गए वीडियो में किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत को जमकर लताड़ लगाई। वीडियो में भानु प्रताप कहते हैं, “जब महेंद्र टिकैत ने अपने संगठन का विस्तार किया और हमें भी उसमें शामिल कराया। तभी से इसने (राकेश टिकैत) दलाली करनी और अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश करनी शुरू कर दी थी। ये ऐसा व्यक्ति है, जिसने कोई भी काम आज तक बिना ठगे किया है नहीं। उदाहरण के तौर पर आप नोएडा के जेपी ग्रुप को देख लीजिए, जिसे इसने ठगा था। अभी ये कॉन्ग्रेस की फंडिंग से चल रहा है।”

भानु प्रताप ने आगे कहा, “पक्के मकान सड़कों पर बनाकर वहाँ के कमरों में काजू, बादाम, पिस्ता, किसमिशि और शराब की बोतलें बोरे में भरकर आती हैं और लोग उनके मजे लेते हैं। असली किसान इसकी हकीकत जान गया है। वहाँ (किसान धरना स्थल) केवल शराब पीने और नोट लेने वाले हैं। 100, 200 रुपए रोज ले लिए और शराब पी ली। राकेश टिकैत इस आंदोलन को इसलिए लंबा खींचना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें इससे फंडिंग मिल रही है। अगर उन्होंने इस विरोध को बंद कर दिया तो उनकी फंडिंग बंद हो जाएगी।”

गौरतलब है कि किसान नेता भानुप्रताप सिंह का गुट 26 जनवरी की घटना से पहले तक इस आंदोलन में शामिल था। हालाँकि, गणतंत्र दिवस किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली के लालकिले पर जिस तरीके की घटना हुई, उसके बाद भानु प्रताप सिंह इस आंदोलन से अलग हो गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ट्विटर (X) से सूचनाएँ लेगा पर खबरें नहीं देगा ब्रिटेन का ‘द गार्डियन’, फ्रांस की मीडिया कंपनियों ने एलन मस्क के प्लेटफॉर्म पर ठोका...

एक्स ने अदालती आदेश का पालन नहीं किया, जिससे मीडिया संस्थानों ने इसे कानून की अनदेखी बताते हुए 12 नवंबर 2024 को फिर से मुकदमा दायर किया है।

‘पहले यहाँ जंगल था, अब यहाँ सिर्फ मुसलमानों के घर हैं’: झारखंड में घुसपैठ ने कैसे बदले हालात स्थानीय लोगों ने बताए, कहा- अब...

स्थानीयों ने बताया कि घुसपैठिए झारखंड के जनजातीय जिलों को निशाना बना रहे हैं। उनका मकसद जमीन हड़पना और लोगों में डर बैठाना है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -