Sunday, December 22, 2024
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25 किसान संगठन मिलकर पंजाब के सभी 117 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव: AAP और ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ में गठबंधन की कोशिश

हालाँकि, किरती किसान यूनियन, क्रांतिकारी किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन- क्रांतिकारी, दोआबा संघर्ष कमेटी, भारतीय किसान यूनियन- सिद्धुपुर, किसान संघर्ष कमिटी और जय किसान आंदोलन ने चुनाव में उतरने से मना कर दिया। इन संगठनों ने चुनाव में उतरने वाले संगठनों से SKM का बैनर इस्तेमाल न करने के लिए भी कहा है।

केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि बिलों को वापस लेने से अति उत्साही किसानों ने अब आगामी विधानसभा चुनावों में किस्मत आजमाने का निर्णय लिया है। कुछ ही महीनों में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों में राज्य के 32 में से 25 किसान संगठन एक छत्री के नीचे आकर राजनीति का हिस्सा बनेंगे। चुनाव लड़ने के लिए किसानों ने संयुक्त समाज मोर्चा (SSM) बनाया है और भारतीय किसान यूनियन- राजेवाल (BKU- Rajewal) गुट के नेता बलबीर सिंह राजेवाल को मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे।

मोर्चे को लेकर किसान नेता हरमीत कादियां ने बताया कि कृषि बिलों की वापसी के बाद लोगों को उनसे उम्मीद बढ़ गई है। पंजाब लौटने पर स्वागत हुआ और उन पर दबाव बनने लगा कि अगर दिल्ली मोर्चा जीता जा सकता है तो पंजाब को भी सुधारा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जनता की आवाज पर ही नया संयुक्त मोर्चा शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि नए मोर्चे से जुड़ने को लेकर 22 संगठनों ने फैसला लिया है, जबकि 3 संगठन जल्द ही जुड़ जाएँगे।

किसान नेता बलबीर राजेवाल ने कहा कि पंजाब के लोग उन पर दबाव बना रहे हैं और फोन कर कह रहे हैं कि चुनाव लड़ो। राजेवाल ने कहा कि यह मोर्चा राज्य के सभी 117 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेगा लड़ेगा और पंजाब के हितैषियों से बातचीत होगी। राजेवाल ने कहा कि किसान संगठनों का चुनाव में उतरने का मुख्य मकसद पंजाब के गंदे सिस्टम को सुधारना है।

उधर हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी पंजाब चुनाव में उतरने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। चढ़ूनी ने कुछ दिन पहले ही चंडीगढ़ में संयुक्त संघर्ष पार्टी बनाने की घोषणा की है। हालाँकि, अभी यह साफ नहीं हो सका है कि इस मोर्चे में चढूनी शामिल होंगे या नहीं, लेकिन राजेवाल ने जिस तरह से कहा है कि सभी लोगों से बातचीत होगी तो अंदाजा लगाया जा रहा है कि चढूनी से भी पर्दे के पीछे बातचीत चल रही होगी।

दरअसल, लुधियाना के मुल्लापुर में शुक्रवार (24 दिसंबर) को किसान संगठनों की बैठक हुई। बैठक में सभी ने सहमति से चुनाव लड़ने की बात कही, लेकिन राज्य के सात किसान संगठन चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं दिखे। ये 7 किसान संगठन हैं- किरती किसान यूनियन, क्रांतिकारी किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन- क्रांतिकारी, दोआबा संघर्ष कमेटी, भारतीय किसान यूनियन- सिद्धुपुर, किसान संघर्ष कमिटी और जय किसान आंदोलन। इन संगठनों ने चुनाव में उतरने वाले संगठनों से SKM का बैनर इस्तेमाल न करने के लिए भी कहा है।

उधर, खबर आ रही है कि किसान नेता पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ संपर्क में है और गठबंधन के माध्यम से चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, ये भी कहा जा रहा था कि राजेवाल आम आदमी पार्टी की टिकट पर खन्ना से चुनाव लड़ सकते हैं। इसके पीछे ये वजह थी कि खन्ना में नए मुख्यमंत्री के रूप में राजेवाल के पोस्टर लगे थे, लेकिन राजेवाल आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ने को लेकर इनकार कर चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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