केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने अपने आंदोलन को नया रूप देने का फैसला किया है। प्रदर्शन पर बैठे किसान समूह ने ऐलान किया है कि वह 5 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूँकेंगे, 7 दिसंबर को अवॉर्ड वापसी करेंगे और 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे।
किसानों ने मीडिया से बात करते हुए चेतावनी दी है कि वह दिल्ली की अन्य सड़कों को ब्लॉक करने पर विचार कर रहे हैं और यदि सरकार ने उनकी सुनवाई नहीं की तो वह प्रदर्शन को और अधिक व्यापक करेंगे।
#Breaking | Farmers announce new measures amid anti-Farm Law protests
— TIMES NOW (@TimesNow) December 4, 2020
5th December – Effigy burning
7th December – ‘Award Wapasi’
8th December – Bharat Bandh pic.twitter.com/s4vYtPLGB2
भारतीय किसान यूनियन के सचिव हरविंदर सिंह लखोवाल ने कहा, “हम 5 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाएँगे। फिर 8 तारीख को भारत बंद बुलाएँगे।” आगे उन्होंने कहा, “ अगर नए कानून को वापस नहीं लिया गया तो हम दिल्ली की आने वाली हर सड़क बंद कर देंगे।”
बता दें कि आंदोलन के ये चरण किसान यूनियन के 51 प्रतिनिधिमंडल द्वारा सिंघू बॉर्डर पर बैठक के बाद तय किया गया है। यहाँ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने ऐलान किया कि वह कृषि कानून को वापस करवाकर ही दम लेंगे।
इससे पहले गुरुवार को किसानों की केंद्र सरकार के साथ 8 घंटे की बैठक हुई थी। इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी माँग पर अड़े रहे। हालाँकि सरकार की ओर से कहा गया कि बैठक सकारात्मक रही।
गौरतलब है कि पूरे मामले में अगली बैठक सरकार के साथ 5 दिसंबर यानी कल होनी हैं, लेकिन किसान अभी तक इस बात पर अड़े थे कि जो सरकार लगातार किसानों को उनकी फसल पर एमएसपी देने की बात कर रही हैं, वह शनिवार को बैठक तभी करेंगे जब किसानों को एमएसपी की गारंटी मिलेगी। लेकिन जब केंद्र सरकार ने उन्हें हर तरह से आश्वस्त करने का प्रयास किया और उनके हर मुद्दे को सुनने को कहा तो वह प्रोटेस्ट को दूसरे स्तर पर ले जा रहे हैं। अब उनके इस प्रदर्शन में कई किसान नेताओं के अलावा, बुद्धिजीवी, कवि, वकील, लेखक, मानवाधिकार कार्यकर्ता आदि भी अपना सहयोग दे रहे हैं। कुल मिलाकर इस प्रदर्शन को अब वामपंथियों द्वारा हाइजैक किया जा रहा है।