Monday, December 23, 2024
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‘सामना’ में संजय राउत ने दिखाई मोदी घृणा, यवतमाल में FIR दर्ज: मुखपत्र में प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा का किया इस्तेमाल

सामना शिवसेना (उद्धव ठाकरे ग्रुप) का मुखपत्र है और उसमें विरोधी नेताओं के प्रति अक्सर विद्वेष भरी बातें फैलाई जाती हैं। ये पहली बार नहीं है जब सामना के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगला गया हो।

उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत के खिलाफ महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में केस दर्ज किया गया है। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में 11 दिसंबर 2023 को छपे एक लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप उन पर है। बीजेपी के एक स्थानीय नेता ने एफआईआर दर्ज कराते हुए इस लेख को अपमानजनक बताया है।

यवतमाल जिले के बीजेपी संयोजक नितिन भुटाड़ा ने शिकायत में कहा है, “संजय राउत ने अपने लेख में पीएम मोदी पर आरोप लगाया था कि वे एक ‘तानाशाह’ हैं और वे देश को ‘सांप्रदायिकता और हिंसा की ओर’ ले जा रहे हैं। उन्होंने मोदी को ‘भारत का सबसे खतरनाक प्रधानमंत्री’ भी कहा है।” इस लेख के प्रकाशन के बाद कई लोगों ने राउत के खिलाफ कार्रवाई की माँग की थी। इसी के बाद नितिन भुटाड़ा ने थाने में प्रार्थना पत्र दिया और ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए राउत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए), धारा 505(2) (सार्वजनिक शरारत फैलाने के इरादे से जानबूझकर अपमानजनक या धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल करना) और धारा 153 (ए) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

संजय राउत ने इस प्राथमिकी को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा है कि वह प्रधानमंत्री के खिलाफ अपने बयान पर कायम हैं। बता दें कि सामना शिवसेना (उद्धव ठाकरे ग्रुप) का मुखपत्र है और उसमें विरोधी नेताओं के प्रति अक्सर विद्वेष भरी बातें फैलाई जाती हैं। ये पहली बार नहीं है जब सामना के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगला गया हो।

गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में शानदार जीत हासिल की है। इससे विपक्षी खेमे में आम चुनावों से पहले बेचैनी बढ़ गई है। विपक्ष अनर्गल प्रलाप में लग गया है। ‘सामना’ में 11 सितंबर को ‘पाखंड ही पाखंड’ शीर्षक से छपे लेख में भी वह प्रलाप दिखता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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