बिहार में 37 वर्षीय दलित नेता शक्ति मलिक की हत्या के मामले में तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को आरोपित बनाया गया है। दलित नेता शक्ति मलिक की रविवार (अक्टूबर 4, 2020) को पूर्णिया स्थित उनके आवास के बाहर ही गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। वो राष्ट्रीय जनता दल के ही नेता थे। मृतक नेता की पत्नी ने भी आरोप लगाया है कि उनकी हत्या राजनीतिक हत्या है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
इस मामले में राजद दलित सेल के अध्यक्ष अनिल कुमार साधु, अररिया से पार्टी के नेता कालो पासवान, सुनीता देवी और एक अन्य राजद नेता को भी इस मामले में आरोपित बनाया गया है। शक्ति मलिक को राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पार्टी से निकाल दिया था, जिसके बाद उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने की ठानी थी। पुलिस इस हत्याकांड के खुलासे के लिए तलाशी अभियान चला रही है।
शक्ति मलिक ने एक वीडियो के माध्यम से आरोप लगाया था कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने रानीगंज सीट से पार्टी का टिकट देने के एवज में उनसे 50 लाख रुपए का डोनेशन माँगा था। रविवार को तड़के सुबह 3 बजे मास्क पहने 3 अपराधी उनके घर में घुसे और उनकी गोली मार कर हत्या कर दी। उस समय घर में सिर्फ उनकी पत्नी, बच्चे और एक ड्राइवर थे। उन्हें सदर अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
के हाट पुलिस स्टेशन के एसएचओ सुनील कुमार मंडल ने कहा कि क्राइम सीन से एक देशी पिस्टल और एक खाली कारतूस बरामद किया गया है। एसपी विशाल शर्मा और सदर डीएसपी आनंद पांडेय ने भी घटनास्थल का दौरा किया। शक्ति मलिक को तीन गोलियाँ लगी थीं। पुलिस ने बताया कि हर एंगल से इस मामले की जाँच की जा रही है। क्राइम सीन से एक लोडेड हथियार की बरामदगी भी हुई है।
दलित और अति पिछड़े समुदाय से तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी की नफरत का उदाहरण है ये।
— Rajiv Ranjan Prasad (@RajivRanjanJDU) October 4, 2020
शक्ति मालिक ने @yadavtejashwi पर सीट के नाम पर चंदा मांगने और जातिसूचक गाली देने का आरोप लगाया था और आज उन्हें गोलियों से भून दिया गया।
ये @RJDforIndia की असल सच्चाई है।@ABPNews @News18Bihar https://t.co/PNLdIgw9El
अब जब बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में 1 महीने के आसपास बचे हुए हैं, जदयू ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव ने अपना असली रंग देश के सामने दिखा दिया है। शक्ति मलिक ने अपने वीडियो में ये भी आरोप लगाया था कि तेजस्वी यादव ने उनकी जाति को लेकर उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनका कहना था कि वो राजद दलित प्रकोष्ठ के प्रमुख के साथ पूर्णिया दौरे पर आए थे, तब उन्होंने ऐसा किया था।
वीडियो में शक्ति मलिक के बयान के अनुसार, तेजस्वी यादव ने उन्हें ‘डो#’ जाति का बताते हुए कहा था कि तुम्हें विधानसभा नहीं जाने देंगे। उन्होंने अनिल कुमार साधु पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने यह कह कर धमकी दी थी, “राजद में एक से बढ़ कर एक क्रिमिनल सब है। जब तुम क्षेत्र में जाओगे या अच्छा काम करोगे तो मार कर फेंकवा दिए जाओगे।” जदयू के कई नेताओं ने इस हत्याकांड के लिए लालू परिवार पर निशाना साधा है।
बता दें कि बिहार में जब से विधानसभा चुनाव का ऐलान हुआ है, तब से हत्या की यह कोई पहली वारदात नहीं है। कुछ दिनों पहले भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष राजेश कुमार झा उर्फ राजा बाबू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजेश कुमार झा की पटना में हत्या हुई थी। वह बेउर थाना क्षेत्र के अंतर्गत तेज प्रताप नगर में अपने घर के नज़दीक टहलने के लिए निकले थे, तभी दो पहिया वाहन सवार नकाबपोश अपराधी उनके नज़दीक आए और उनकी कनपटी पर गोली मार दी।