कर्नाटक में पिछले साल हुई रिसोर्ट पॉलिटिक्स अब महाराष्ट्र में भी दस्तक दे रही है। शिव सेना ने अपने विधायकों को बांद्रा के उपनगरीय इलाके में स्थित एक समुद्र तट के किनारे के होटल में ठहरा दिया है। इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि होटल का नाम होटल रंगशारदा है, वहीं टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में इस होटल की लोकेशन बांद्रा पश्चिम के पास स्थित बैंडस्टैंड बताई गई है।
Aaditya arrived late on Thursday night at Hotel Rangsharda, where the MLAs are lodged to prevent poaching attempts and left about 1 am on Friday.https://t.co/smF5JNTSs9
— India Today (@IndiaToday) November 8, 2019
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि कल रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और पार्टी की युवा विंग ‘युवा सेना’ के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे बीती रात (बृहस्पतिवार, 8 नवंबर, 2019 को) अपने इन 56 विधायकों से मिलने पहुँचे थे, और रात 1 बजे तक इनके पास ही रुके रहे। बताया जा रहा है कि शिव सेना को भाजपा द्वारा इन विधायकों को अपने पाले में कर लिए जाने (‘पोचिंग’) का डर है।
टाइम्स नाउ ने यह भी दावा किया है कि इन विधायकों को इकठ्ठा कर बांद्रा ले जाने के निर्णय के पहले शिव सेना के असली मुख्यालय कहे जाने वाले, दिवंगत संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ में एक बैठक हुई थी।
As uncertainty looms over govt formation in Maharashtra, @AUThackeray meets Sena MLAs at Mumbai hotel. | #MahaMockeryhttps://t.co/HYZ1HRh3yN
— TIMES NOW (@TimesNow) November 8, 2019
इस बीच न्यूज़ 18 ने केंद्रीय मंत्री, पूर्व भाजपा अध्यक्ष और महाराष्ट्र के कद्दावर नेता कहे जाने वाले नितिन गडकरी के हवाले से दावा किया है कि न केवल भारतीय जनता पार्टी अब, जबकि उसे हालिया विधानसभा चुनावों में 105 जबकि शिव सेना को केवल 56 सीटें मिलीं, 50-50 फॉर्मूले पर तैयार नहीं है, बल्कि चुनावों के पहले दोनों पार्टियों के बीच ऐसी कोई डील थी ही नहीं। यह विधानसभा नतीजों के बाद पहली बार है जब भाजपा में से किसी ने इस डील के होने की बात को खुल कर नकारा है।
“No equal power-sharing deal between BJP, Shiv Sena,” Nitin Gadkari#KaunBanegaMahaCM
— News18.com (@news18dotcom) November 8, 2019
Follow LIVE updates here: https://t.co/crMhf0bvW7 pic.twitter.com/QLLQIPFFiT
अभी तक शिव सेना ज़्यादा सीटें मिलने पर भाजपा की नज़र बदल जाने का आरोप लगा रही थी। उसका कहना था कि पहले यह तय हुआ था कि चाहे जिसे जितनी सीटें मिलें, भाजपा और शिव सेना के मुख्यमंत्री ढाई-ढाई साल रहेंगे, और आधे-आधे मंत्रालय बाँटे जाएँगे, और अब ज्यादा सीटें जीतने पर राष्ट्रीय दल अपनी बात से पीछे हटना चाहता है। 24 अक्टूबर को नतीजे आ जाने के बावजूद भाजपा की ओर से इस दावे का यह पहला खंडन है।
BJP’s Nitin Gadkari says ready to mediate but no 50:50 formula with Shiv Sena in Maharashtrahttps://t.co/U2uL6qwCZT
— Zee News (@ZeeNews) November 8, 2019