विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में कॉन्ग्रेस का संकट गहराता जा रहा है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक पोस्टर से गॉंधी परिवार नदारद है। यह पोस्टर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की 18 अगस्त को होने वाली परिवर्तन रैली को लेकर 4 अगस्त को रोहतक में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन से जुड़ा है।
यूॅं तो गॉंधी परिवार वह ‘फेविकोल’ बताया जाता है जो पूरे कॉन्ग्रेस को जोड़कर रखती है। पर इस पोस्टर को देखकर लगता है कि हरियाणा में इस फेविकोल की पकड़ कमजोर हो गई है। 4 अगस्त के परिवर्तन कार्यकर्ता सम्मेलन के पोस्टर में हुड्डा के अलावा उनके पुत्र पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा की ही तस्वीर है। इस पोस्टर ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलग पार्टी बनाने की अटकलों को और हवा दे दी है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया है कि इस मामले पर दीपेंद्र ने यह कहते हुए प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया कि सोशल मीडिया पर कोई भी कुछ डाल देता है। दीपेंद्र ने राज्य की बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए उसे उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “राज्य में बदलाव की जरूरत है और हम जनता को विकल्प मुहैया कराएंगे। इसके लिए हम 4 अगस्त को परिवर्तन कार्यकर्ता सम्मेलन और 18 अगस्त की रैली से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।”
बताया जाता है कि दस साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हुड्डा पर उनके समर्थक विधायकों की ओर से अब कोई ठोस फैसला लेने का दबाव है। यही कारण है कि वे कॉन्ग्रेस आलाकमान को चुनौती देते दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि रोहतक रैली से पहले यदि हुड्डा को प्रदेश कॉन्ग्रेस की कमान नहीं सौंपी गई तो वे अलग पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्टों की माने तो हुड्डा समर्थक विधायकों ने आलाकमान को दो विकल्प दिए हैं। पहला तंवर को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर हुड्डा को कमान सौंपी जाए। दूसरा, हुड्डा को टिकट बॅंटवारे की आजादी दी जाए।