केंद्र सरकार ने INX मीडिया मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को चार अधिकारियों के खिलाफ मुक़दमा चलाने की अनुमति दे दी है। इनमें नीति आयोग की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सिंधुश्री खुल्लर शामिल हैं। अन्य अधिकारयों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के पूर्व सचिव अनूप के पुजारी, वित्त मंत्रालय में निदेशक रहे प्रबोध सक्सेना और आर्थिक मामले विभाग के पूर्व अवर सचिव रबींद्र प्रसाद शामिल हैं। ये सभी कथित रूप से INX मीडिया के विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड मंज़ूरी की प्रक्रिया में शामिल थे।
इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम आरोपित हैं। नीति आयोग की पूर्व CEO सिंधुश्री खुल्लर केंद्रशासित प्रदेश (UT) कैडर की 1975 बैच की अधिकारी हैं। वे 2004-2008 के दौरान आर्थिक मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर थीं। रिकॉर्ड के अनुसार, उन्हें विभाग में विशेष सचिव के रूप में प्रोन्नत किया गया और वह उस पद पर 12 सितंबर 2008 से दो नवंबर 2008 तक रहीं। खुल्लर 2015 में नीति आयोग की पहली CEO नियुक्त की गई थीं।
CBI ने 22 जनवरी को चार अधिकारियों के ख़िलाफ़ फ़ौजदारी का मुक़दमा दर्ज करने की माँग की थी। इससे पहले CBI ने INX मीडिया मामले में गिरफ़्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का नीति आयोग की पूर्व CEO सिंधुश्री से आमना-सामना करवाया था। CBI ने चिदंबरम की रिमांड के दौरान खुल्लर से लगातार दो दिन पूछताछ की गई थी। खुल्लर ने कथित तौर पर CBI को बताया था कि वो केवल आदेशों का पालन कर रही थी।
जाँच एजेंसी का आरोप है कि विदेशी निवेश के लिए INX मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) मंज़ूरी देने में अनियमितताएँ बरती गई थी। जून में, केंद्रीय सतर्कता आयोग ने भ्रष्टाचार के एक मामले में कथित संलिप्तता के लिए खुल्लर के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने के लिए मंत्रालयों से मंज़ूरी भी माँगी थी।
ग़ौरतलब है कि पिछले दिनों सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम को कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 3 अक्टूबर तक बढ़ा दिया था। बता दें कि कॉन्ग्रेस नेता पाँच सितंबर से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।