जम्मू-कश्मीर परिसीमन पर आयोग की रिपोर्ट आ गई है। जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की इस रिपोर्ट पर सियासी माहौल काफी गर्म है। इसी को लेकर पाँच दलों के समूह गुपकार अलायंस ने शनिवार (26 फरवरी 2022) को समूह के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के आवास पर बैठक की। गुपकार अलायंस ने परिसीमन को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि आयोग ने बीजेपी के पक्ष में काम किया है।
गुपकार की ओर से दावा किया गया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर में विकास, शांति, रोजगार और निवेश का भाजपा का दावा एक छलावा है। इस संगठन ने एक स्वर में इसे झूठ का पुलिंदा करार दिया। गुपकार गठबंधन ने भाजपा को रोजगार के मुद्दे पर चुनौती दी है। इस बैठक में भारत सरकार के नए कश्मीर के दावे को भी खारिज कर दिया गया।
गठबंधन के प्रवक्ता एमवाई तारिगामी ने केंद्र सरकार और देश के खिलाफ जमकर जहर उगला। तारिगामी ने यूएपीए, पीएसए और गिरफ्तारी को अपवाद के बजाय भाजपा का नियम करार दिया। उन्होंने कहा:
“5 अगस्त, 2019 को जो कुछ भी हुआ, वो जबरदस्ती थोपा गया फैसला था। यह बड़े पैमाने पर सुरक्षा बंद, फोन नेटवर्क और इंटरनेट सेवाएँ जाम होने के कारण हुआ। लोगों की सहमति नहीं ली गई। 5 अगस्त 2019 के फैसलों की स्वीकृति के रूप में कश्मीरियों, जम्मू और लद्दाखियों की चुप्पी को गलत न समझें।”
तारिगामी का कहना था कि अनुच्छेद 370 भारत और जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच एक ब्रिज की तरह था। ये प्रदेश की पहचान का मामला है और इसे वापस लिए जाने से उस वक्त के संबंध भी प्रभावित हुए हैं, जब से इसका देश में विलय हुआ था। तारिगामी ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की घटना को संविधान पर हमला बताया। बोलते-बोलते उन्होंने बंगाल और तमिलनाडु के एक और कश्मीर बनने को लेकर भी चेतावनी दे डाली।
ये जहर बाकी राज्यों में भी पहुँच सकता है
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के कश्मीरियों के दर्द को महसूस करने के लिए बुद्धिजीवियों, प्रेस और लोगों से अपील करते हुए तारिगामी ने दावा किया कि ये मुद्दा अब एक जहर का रूप ले चुका है जो तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पंजाब समेत दूसरे राज्यों तक पहुँच सकता है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया का अनुच्छेद 370 हटने के बाद उसने कितनों को नौकरी दी।
गुपकार अलायंस ने परिसीमन आयोग के प्रस्ताव को अवैध और असंवैधानिक करार देते हुए पूछा कि सिर्फ 7 सीटें ही क्यों बढ़ीं, सिर्फ 1 या 9 क्यों नहीं। वहीं फारूक अब्दुल्ला ने भी परिसीमन आयोग पर बीजेपी के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हर हाल में चुनाव लड़ेगी।