दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार (मई 17, 2019) को दिल्ली में 12 मई को हुए मतदान को लेकर एक बड़ा बयान दिया था कि चुनाव से 48 घंटे पहले तक उन्हें ऐसा लग रहा था कि सातों सीटें आम आदमी पार्टी को जाएँगी, मगर आखिरी वक्त पर पूरे मुस्लिम वोट कॉन्ग्रेस को शिफ्ट हो गए। केजरीवाल के इस बयान पर सियासी बवाल मच गया। कॉन्ग्रेस ने केजरीवाल के बयान को आड़े हाथों लिया।
कॉन्ग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और मुस्लिम नेता हारुन यूसुफ ने इस बारे में कहा कि कॉन्ग्रेस को मुस्लिम वोट शिफ्ट हुआ, ये कहकर केजरीवाल अपना खौफ छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। हालाँकि उनकी ये बात सही है कि मुस्लिम वोटर्स ने भारी तादाद में कॉन्ग्रेस को वोट किया, क्योंकि केजरीवाल ने सिवाय झूठ बोलने के और कोई काम ही नहीं किया। लोगों ने अपने अंदर का आक्रोश और गुस्सा वोटिंग के जरिए निकाला है, क्योंकि उनका काम सिर्फ सरकारी होर्डिंग्स पर ही हुआ है। केजरीवाल ने अपनी असफलताओं का सारा ठीकरा केंद्र पर फोड़ दिया। वहीं, कॉन्ग्रेस के दूसरे नंबर के कार्यकारी अध्यक्ष और दिल्ली के एक मात्र सुरक्षित सीट से नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली से प्रत्याशी राजेश लिलोठिया ने कहा कि केजरीवाल से सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, बल्कि दलित भी नाराज हैं।
Sheila Dikshit on Delhi CM’s reported remark ‘Muslim votes shifted to Congress in Delhi at last moment’: Don’t know what is he trying to say. Everyone has a right to vote whichever party he/she wants to vote. People of Delhi did not understand nor liked his governance model pic.twitter.com/SNDuOpr2s0
— ANI (@ANI) May 18, 2019
वहीं, केजरीवाल के बयान से भड़की शीला दीक्षित ने कहा है कि दिल्ली की जनता न तो इस सरकार के कामकाज को समझ पा रही है न ही केजवाल की बातों को। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता शीला दीक्षित ने नाराजगी जताते हुए कहा कि समझ में नहीं आता कि केजरीवाल ऐसा बोलकर कहना क्या चाह रहे हैं? उन्होंने कहा कि यह जनता का अधिकार है कि वह किस पार्टी या व्यक्ति को वोट देना चाहती है। आज तक दिल्ली के लोग न तो केजरीवाल को समझ सकी है नही इनके कामकाज को पसंद करती है।
इस मामले पर बात करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशवरात के अध्यक्ष नवेद हामिद ने कहा कि यह कहना गलत है कि पूरा मुस्लिम वोट एकतरफा कॉन्ग्रेस को पड़ा है। इतना जरूर कहा जा सकता है कि कॉन्ग्रेस और आप को तकरीबन 70:30 के अनुपात में वोट गया है। इसके पीछे की वजह बताते हुए वो कहते हैं कि यह चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा गया था और मुस्लिम वोटर को कॉन्ग्रेस में ज्यादा मजबूती नज़र आई।
इसके साथ ही उन्होंने केजरीवाल की पार्टी में अल्पसंख्यकों को सही रिप्रेजेंटेशन न देने की बात की और साथ ही सवाल भी किया कि उनकी पार्टी की तरफ से किसी अल्पसंख्यक को दिल्ली की किसी सीट से टिकट क्यों नहीं दिया गया? नवेद हामिद ने कहा कि अल्पसंख्यकों ने किसी के कहने से वोट नहीं दिया, बल्कि उसे यह दिखा कि यह लड़ाई नैशनल लेवल पर कॉन्ग्रेस और भाजपा के बीच है, इसलिए सोच समझकर वोट दिया।