असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार (फरवरी 03, 2021) को राज्य में घुसपैठ करने वाले अवैध प्रवासियों पर निशाना साधा। पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा नेता ने जोर दिया, “असम की मुस्लिम आबादी दो धाराओं में विभाजित है; पहला जो बांग्लादेश से असम आए हैं और दूसरा जो स्वदेशी हैं।” उन्होंने आगे कहा, “कुछ लोग जो अलग-अलग समय पर असम आए थे, उन्होंने खुद को ‘मियाँ’ के रूप में बताना शुरू कर दिया है और वे बहुत ही सांप्रदायिक हैं।”
They are involved in various activities to distort Assamese culture & language. So,I don’t be MLA with their votes. My personal opinion is that the people who openly challenge Assamese culture,language & composite Indian culture shouldn’t vote for us:Assam Minister HB Sarma (2/2)
— ANI (@ANI) February 3, 2021
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ‘मियाँ’ बांग्लादेशी असमिया भाषा और संस्कृति के विकृति में शामिल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “तो, मैं उनके वोटों के साथ MLA नहीं बनूँगा। मेरी निजी राय है कि जो लोग असमिया संस्कृति, भाषा और समग्र भारतीय संस्कृति को खुले तौर पर चुनौती देते हैं, उन्हें हमारे लिए वोट नहीं करना चाहिए।”
#WATCH | “Miya Muslims don’t vote for us (BJP), I’m saying this on the basis of experience,they didn’t vote us in Panchayat & 2014 Lok Sabha polls. BJP will not get votes in seats that are in their hands,while other seats are our…”said Assam Minister HB Sarma in Assamese (30.1) pic.twitter.com/uGLSgkD1iG
— ANI (@ANI) January 31, 2021
उन्होंने पहले भी इस बात पर जोर दिया था कि ‘मियाँ मुस्लिम’ भगवा पार्टी को वोट नहीं देंगे। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था, “मियाँ मुसलमान हमें वोट नहीं देते हैं। मैं अनुभव के आधार पर यह कह रहा हूँ, उन्होंने हमें पंचायत और 2014 के लोकसभा चुनावों में वोट नहीं दिया। बीजेपी को उन सीटों पर वोट नहीं मिलेंगे जो उनके हाथ में हैं, जबकि अन्य सीटें हमारी हैं।”
गौरतलब है कि हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य द्वारा संचालित मदरसों को बंद करने के हालिया कदम को सही बताया था। यह बातें उन्होंने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के नेता बदरुद्दीन अजमल द्वारा लगाए गए आरोपों पर एबीपी न्यूज के सवाल का जवाब देते हुए कही। बता दें कि अजमल ने आरोप लगाया था कि अगर भाजपा सरकार फिर से सत्ता में आती है, तो वह मस्जिदों और मदरसों को बंद कर देंगे।
सरमा ने कहा कि मदरसा खत्म करना तो सही है, अभी सरकारी मदरसा तो खत्म किया है और आगे जाकर उनके जो मजहबी मदरसे हैं उसमे भी मजहबी शिक्षा के साथ साइंस, मैथ, कम्प्यूटर की शिक्षा देनी होगी। प्राइवेट मदरसे में बहुत बड़ा मॉर्डनाइजेशन होगा।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा था, ”मुल्ला-मौलवी का काम होता है मस्जिद में जाना और मजहब की शिक्षा देना। छात्रों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की होती है, शिक्षा मंत्री का काम होता है। हम हमारी जिम्मेदारी निभाएँगे और वह अपनी जिम्मेदारी निभाएँ। इसमें विवाद कहाँ है?”