कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री जीटी देवगौड़ा ने चौंकाने वाला दावा किया है। उनके ताज़ा बयान से यह प्रतीत होता है कि कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। हालाँकि, मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पहले भी ऐसे कई बयान दे चुके हैं जहाँ उन्होंने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा था लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए सीट बँटवारे की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है। जेडीएस मंत्री जीटी देवगौड़ा ने कहा कि मैसूर व अन्य जगहों पर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा को वोट दिया है। जेडीएस और कॉन्ग्रेस कर्नाटक में भाजपा को रोकने के लिए साथ आए थे लेकिन उससे पहले दोनों एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी माने जाते थे। मैसूर में मीडिया से बात करते हुए जीटी देवगौड़ा ने कहा:
“दोनों पार्टियों के बीच कुछ मतभेद थे। उदाहरण के लिए उदबुर सीट को ही ले लीजिए। लोग वहाँ किसी पंचायत चुनाव की तरह लड़े। जो कॉन्ग्रेस में थे उन्होंने कॉन्ग्रेस के लिए वोट किया और जो जेडीएस में थे उन्होंने भाजपा के लिए वोट किया। अन्य जगहों पर भी इसी तरह की चीजें हुईं। अगर दोनों पार्टियों ने अपनी शक्ति मिला दी होती तो भाजपा के लिए कर्नाटक में पाँच सीटें जितनी भी मुश्किल हो जाती। बेहतर समन्वय और परिणामों के लिए गठबंधन को बहुत पहले ही औपचारिक रूप दे दिया जाना चाहिए था।”
I knew that Congress – JDS vote transfer won’t happen for various reasons and coalition won’t benefit in #LokSabhaElections2019 at all. Now a senior JDS minister GT Deve Gowda confirms that. Coalition is imploding. Big drama expected after May 23.
— DP SATISH (@dp_satish) May 1, 2019
देवगौड़ा का इशारा सीटों के बँटवारे में हुई देरी की तरफ था। जेडीएस और कॉन्ग्रेस ने आपस में सीटों के बँटवारे के लिए किसी फाइनल फॉर्मूले पर पहुँचने के लिए कई दौर की बातचीत की। बीच-बीच में जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा की तरफ़ से कड़े बयान भी आए लेकिन अंततः दोनों दल गठबंधन करने में सफ़ल रहे। कॉन्ग्रेस ने जीटी देवगौड़ा के बयान की निंदा करते हुए इसे गठबंधन सरकार के लिए बुरा प्रभाव डालने वाला बताया। प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने पूछा कि अगर जीटी देवगौड़ा आज ऐसी बातें कर रहे हैं तो उन्होंने चुनाव के वक़्त कैसे काम किया होगा? देवगौड़ा के बयान को विरोधाभासी बताते हुए गुंडु ने कहा कि ऐसी बातें जिम्मेदारी न निभाने वाले लोग ही करते हैं। उन्होंने इसे अनुशासन की कमी का संकेत बताया।
जीटी देवगौड़ा ने कहा कि उनके और सिद्दारमैया की अपील के बावजूद जेडीएस कार्यकर्ताओं ने उदपुर सीट पर भाजपा को वोट दिया। उन्होंने कहा कि एक तो गठबंधन में देरी हुई और ऊपर से गठबंधन धर्म ठीक से नहीं निभाया गया। बता दें कि मैसूर से मौजूदा भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा फिर से मैदान में हैं। हिंदुत्ववादी मुद्दों पर मुखर माने जाने वाले प्रताप ने कर्नाटक सरकार द्वारा टीपू सुल्तान की जयंती मनाए जाने का कड़ा विरोध किया था। 2017 में उन्हें हनुमान जयंती यात्रा निकालते समय गिरफ़्तार कर लिया गया था। जीटी देवगौड़ा ने जिन सिद्दारमैया के साथ रैली कर जेडीएस-कॉन्ग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी का प्रचार किया, पिछले विधानसभा चुनाव में चामुंडेश्वरी से उन्होंने उन्हीं सिद्दारमैया को हराया था।
Gowda added that if the two parties could have combined their strength, there was no scope for the BJP to win even five seats out of 28 in Karnataka. https://t.co/AxttD1Fxi0
— News18 Elections (@News18Politics) May 1, 2019
गठबंधन प्रत्याशी विजयशंकर ने जीटी देवगौड़ा के बयान पर बात करते हुए कहा कि हो सकता है उनके कहने का तात्पर्य यह हो कि गठबंधन कार्यकर्ताओं ने अपना सौ प्रतिशत देकर काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि जीटी देवगौड़ा ने उनके लिए प्रचार भी किया था। कर्नाटक लोकसभा चुनाव में कुमारस्वामी, सिद्दारमैया और येदियुरप्पा की प्रतिष्ठा दाँव पर है और तीनों ने ही अपने स्तर से पूरा ज़ोर लगया है।