झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार मुस्लिमों को नमाज के लिए विधानसभा में अलग कमरा अलॉट करने के बाद अब राज्य के 130 मदरसों को अनुदान देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए शुक्रवार (10 सितंबर, 2021) को झारखंड एकेडमिक काउंसिल को हुई बैठक में आपसी सहमति के बाद रास्ता साफ हो गया है। बोर्ड की बैठक में विधायक सुदीप कुमार सोनू, नारायण दास और दीपिका पांडे शामिल रहीं। दरअसल, इस बात को लेकर जाँच चल रही थी कि 182 मदरसा सरकार के नियमों के मुताबिक काम करते हैं या नहीं।
इस मामले की जाँच के लिए गठित कमेटी ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें ये पाया गया है कि राज्य में 182 में 130 मदरसे सरकारी नियमों के तहत काम कर रहे हैं, इसलिए अब उन्हें अनुदान मिलने का रास्ता साफ हो गया है। हालाँकि, अभी 52 ऐसे मदरसे हैं, जिनकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
एकेडमिक काउंसिल की बैठक में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा को लेकर भी चर्चा की गई। इसके अलावा साल आयोजित होने वाली विभिन्न परीक्षाओं पर भी मंथन किया गया। इस दौरान आलिम फाजिल परीक्षा पर चर्चाएँ की गईं। इसका आयोजन 14 से 18 सितंबर के बीच किया जाएगा। आलिम की पहली पाली की परीक्षा सुबह 9:45 से 1:00 बजे तक होगी और दूसरी दोपहर 2 बजे से शाम सबा 5 बजे तक आयोजित होगी।
नमाज के लिए अलग कमरा भी अलॉट किया था
गौरतलब है कि इससे पहले विधानसभा में राज्य सरकार ने मुस्लिमों को नमाज अदा करने के लिए अलग से कमरा आवंटित किया था। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से आदेश जारी होने के बाद इसका काफी विरोध किया गया था।
इस मामले में राज्य सरकार पर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने ट्वीट किया था, “ये क्या स्पीकर साहब ,अब राज्य की सबसे बड़ी पंचायत भी तुष्टिकरण को पोषित करने की राह पर? झारखंड विधानसभा में नमाज़ अदा करने के लिए कक्ष। झारखंड की जनता सब देख रही है। सर्वधर्म समभाव की मूल आत्मा को कलंकित करने वाला निर्णय।”