कॉन्ग्रेस नेता कन्हैया कुमार जेएनयू से पीएचडी डिग्री धारी हैं। राहुल गाँधी के करीबी माने जाते हैं। बड़े-बड़े मुद्दों पर कॉन्ग्रेस की ओर से छोटी-छोटी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं। इसी बीच, शुक्रवार (1 मार्च 2024) को उन्होंने रूस में रह रहे उन 20 भारतीयों को लेकर प्रेस से बातचीत की, जो वहाँ फंसे हुए हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका सामान्य ज्ञान भी सामने आ गया, जब उन्होंने खतरनाक H1N1 वायरस को वीजा कैटेगिरी बता डाला।
कन्हैया कुमार ने दावा किया, ”सरकार को उन युवाओं के साथ होने वाली किसी भी दुर्घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, जो यहाँ की परिस्थितियों के कारण भारत छोड़ने को मजबूर हैं।” कन्हैया ने कहा, “ये तो सरकार बताए कि ये लोग विदेश कैसे पहुँचे कि वो लोग स्टूडेंट वीजा पर गए हैं, वर्क वीजा पर गए गए हैं, टूरिस्ट वीजा पर गए हैं। वीजा की कैटेगिरी क्या है? एच1एन1 कौन सा वीजा लेकर गए हैं? ये सरकार बताएगी। हम कैसे बता सकते हैं, हम तो विदेश मंत्री हैं नहीं।”
जेएनयू से अफ्रीकन अध्ययन में पीएचडी करने वाले कन्हैया कुमार को शायद ये बात पता भी नहीं कि H1N1 को वीजा की कैटेगिरी नहीं है, बल्कि ये स्वाइन फ्लू का वायरस है। एच1एन1 वायरस साल 2009-2010 के दौरान तेजी से फैला था, जो मूलत: इन्फ्लूएंजा वायरस है। ये इंसानों में पक्षियों और सुवरों के माध्यम से फैलता है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने साल 2009 में महामारी घोषित की थी, क्योंकि इससे 2.84 लाख लोगों की मौत हो गई थी।
स्वाइन फ्लू अब भी फैलता है और जब इसके फैलने की खबर आती है तो हजारों-लाखों जानवरों को मारना पड़ता है। लेकिन साल 2011 में जेएनयू के सेंटर फॉर अफ्रीकन स्टडीज में पीएचडी के लिए दाखिला लेने वाले कन्हैया कुमार को ये नहीं पता है कि एच1एन1 कोई वीजा कैटेगिरी नहीं, बल्कि वायरस है।
वैसे, अगर हम कन्हैया कुमार के बारे में ये मान लें कि एच1एन1 कोई वीजा कैटेगिरी है भी, तो भी उसका रूस से कोई लेना देना नहीं। पहली बात तो ये ही एच1एन1 कोई वीजा कैटेगिरी नहीं, बल्कि एच1बी वीजा कैटेगिरी होती है। जो सिर्फ अमेरिका के संदर्भ में लागू होती है। लेकिन इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का अमेरिका से कोई लेना देना नहीं था, बल्कि इसका आयोजन रूस के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए किया गया था।
बिहार में हनीमून डेस्टिनेशन की कमी
कन्हैया कुमार अपनी प्रेस कॉफ्रेंस में बिहार की बदहाली पर भी बात करते नजर आए। उन्होंने तमाम बातों के बीच बिहार में हनीमून के लिए बाहर जाने की मजबूरी भी गिनाई। कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार के लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाते हैं। यहाँ तक कि हनीमून मनाने भी बाहर जाने के लिए लोग मजबूर हैं। खैर, कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इतना महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया, उसके लिए बिहार के नौजवान जरूर उनके ऋणी रहेंगे।