कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) ने सोमवार (20 दिसंबर 2021) को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित एक समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ”हमारी सरकार जल्द ही धर्मांतरण विरोधी कानून लाएगी। सत्तारूढ़ भाजपा सरकार प्रदेश में असहाय लोगों का धर्मांतरण नहीं होने देगी।”
इस दौरान सीएम ने कहा, “प्रदेश के निर्दोष लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। उन्हें पैसे और वित्तीय सहायता का प्रलोभन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन केवल लोगों की संख्या बढ़ाने के लिए नहीं है, इस मानसिकता को बदलना होगा। यह शुरू में लुभाता है, लेकिन आखिर में समाज को प्रभावित करेगा। हमारी सरकार, हमारा देश ऐसा नहीं होने देगा। हमारे समाज में गरीबी को भुनाने की कोशिश हो रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो लोगों को धर्मांतरण के लिए लुभाने की सुविधा देता हो। संविधान में इसकी कोई गुंजाइश नहीं है, जो लोग धर्मांतरण विरोधी विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वे 2019 में इसे लागू करने के लिए तैयार थे। अब वे राजनीतिक मजबूरियों से बँधे हैं। राज्य सरकार इस बर्बरता को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाएगी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात की तर्ज पर अब कर्नाटक (Karnataka) सरकार भी धर्मांतरण विरोधी कानून लाने की तैयारी कर रही है। इस कानून के लागू होते ही धर्मांतरण करने वाले पिछड़े समुदाय और अनुसूचित जाति के लोगों को सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं, शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) ने 12 दिसंबर को संकेत दिया था कि जल्द ही धर्मांतरण रोधी विधेयक (Anti Conversion Bill) के मसौदे को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी जाएगी और इसे बेलगावी में विधानसभा (Belagavi Assembly) के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।