कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने दिवंगत भाजपा नेता प्रवीण नेट्टारू की पत्नी नूतन की नौकरी को फिर से बहाल करने का ऐलान किया है। नूतन भी पिछली भाजपा सरकार में नियुक्त हुईं उन 150 से अधिक संविदाकर्मियों में से एक थीं जिन्हे कॉन्ग्रेस सरकार ने सेवामुक्त कर दिया है। नूतन की बहाली को राज्य सरकार द्वारा मानवीय आधार पर लिया गया निर्णय बताया गया है। प्रवीण नेट्टारू की हत्या जुलाई 2022 में कर दी गई थी जिसका आरोप PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) से जुड़े लोगों पर है।
शनिवार (27 मई 2023) को एक ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह ऐलान किया। 150 से अधिक संविदाकर्मियों की पहले ही हो चुकी बर्खास्तगी को एक स्वाभाविक प्रक्रिया बताते हुए उन्होंने इस मामले में सरकार का कोई दखल न होने की बात कही। प्रवीण नेट्टारू की पत्नी की नौकरी को विशेष मामला बताते हुए CM सिद्धारमैया ने ये ऐलान किया। उन्होंने बताया कि नूतन कुमारी को फिर से नियुक्त किया जाएगा। अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कर्नाटक हेडलाइन की न्यूज़ का स्क्रीनशॉट अटैच किया है। नूतन ने अपनी बहाली पर कॉन्ग्रेस सरकर को धन्यवाद दिया है।
ಹೊಸ ಸರ್ಕಾರ ಬಂದ ನಂತರ ಹಿಂದಿನ ಸರ್ಕಾರ ನೇಮಕ ಮಾಡಿಕೊಂಡಿದ್ದ ತಾತ್ಕಾಲಿಕ ನೌಕರರನ್ನು ಸರ್ಕಾರಿ ಸೇವೆಯಿಂದ ವಜಾ ಮಾಡುವುದು ಒಂದು ಸಹಜ ಪ್ರಕ್ರಿಯೆ. ಪ್ರವೀಣ್ ನೆಟ್ಟಾರು ಅವರ ಪತ್ನಿ ಮಾತ್ರವಲ್ಲ ಸುಮಾರು 150ಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ಗುತ್ತಿಗೆ ನೌಕರರನ್ನು ಈಗಾಗಲೇ ಸೇವೆಯಿಂದ ವಜಾ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ. ಇದರಲ್ಲಿ ಸರ್ಕಾರದ ಯಾವುದೇ ಹಸ್ತಕ್ಷೇಪವಿಲ್ಲ.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) May 27, 2023
ಇದನ್ನು… pic.twitter.com/Y3hz7EVTVi
22 सितंबर 2022 को नूतन कुमारी को तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के कार्यालय में वरिष्ठ सहायक (ग्रुप सी) के रूप में नियुक्त करने का आदेश जारी किया था। यहाँ से नूतन के ही निवेदन पर उन्हें दक्षिण कन्नड़ उपायुक्त कार्यालय में तैनाती दे दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नूतन कुमारी को यह नौकरी बीजेपी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष एवं दक्षिण कन्नड़ क्षेत्र से सांसद नलिन कुमार कटील के अनुरोध पर दी गई थी। इस नौकरी की संस्तुति मानवीय आधार पर की गई थी।
भाजपा ने किया था बर्खास्तगी का विरोध
नई सरकार के गठन के बाद नूतन कुमारी की बर्खास्तगी का भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया था। शनिवार (27 मई 2023) को किए गए एक ट्वीट में भाजपा ने PFI को कॉन्ग्रेस द्वारा पोषित संगठन बताते हुए इस कार्रवाई को साम्प्रदायिक घृणा बताया था। सिद्धारमैया सरकार को PFI की कठपुतली कह कर भाजपा ने फैसले को आमनवीय बताया था और इसे तत्काल वापस लेने की माँग की थी।
ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಪಕ್ಷವೇ ಸಾಕಿ ಬೆಳೆಸಿದ ಪಿಎಫ್ಐ ಎಂಬ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಸಂಘಟನೆಯ ಕೋಮು ದ್ವೇಷಕ್ಕೆ ಒಳಪಟ್ಟು, ಪಿಎಫ್ಐ ಗೂಂಡಾಗಳಿಂದ ಹತ್ಯೆಗೊಳಗಾದ ಪ್ರವೀಣ್ ನೆಟ್ಟಾರು ಅವರ ಧರ್ಮಪತ್ನಿಗೆ ಜೀವನ ನಿರ್ವಹಣೆಗಾಗಿ ಅನುಕಂಪದ ಆಧಾರದಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಸರ್ಕಾರ ಮಂಗಳೂರಿನ ಡಿ.ಸಿ. ಕಚೇರಿಯಲ್ಲಿ ಉದ್ಯೋಗ ಕಲ್ಪಿಸಿತ್ತು.
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) May 27, 2023
ಈಗ ಆಡಳಿತಕ್ಕೆ ಬಂದಿರುವ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್… pic.twitter.com/sGo0bdfrAe
गौरतलब है कि बीजेपी नेता प्रवीण नेट्टारू की जुलाई 2022 में बेल्लारे गाँव के अंदर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का आरोप पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं पर लगा था। फ़िलहाल इस केस की जाँच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) कर रही है।