आपको ‘किसान आंदोलन’ याद होगा, जब दिल्ली की सीमाओं को 1 साल तक बंधक बना कर रखा गया था। इस तथाकथित आंदोलन में वामंथियों के अलावा कई मोदी विरोधी तत्व शामिल थे। राकेश टिकैत ने जातिवाद कर के इसे हवा दी। खालिस्तानियों ने इसके माध्यम से अशांति की साजिश रची। अब किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर किए गए वादों को पूरा नहीं किया है।
साथ ही दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान नेताओं ने सोमवार (20 मार्च, 2023) को महापंचायत की घोषणा की है। साथ ही दिल्ली पुलिस को अल्टीमेटम भी दिया है कि उन्हें न रोका जाए। 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी है। लखीमपुर खीरी हिंसा को भी उठाया जाएगा। साथ ही ‘किसान आंदोलन’ में किसानों की मौत का दावा करते हुए उन्हें ‘शहीद’ का दर्जा देने की माँग भी एजेंडे में है।
किसान नेताओं ने कहा है कि अगर दिल्ली पुलिस ने किसी को रोका तो बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। दिल्ली में होने वाली महापंचायत में देश भर के 1 लाख किसान पहुँचेंगे। इनका कहना है कि उनके लाख कहने के बावजूद केंद्र सरकार ने लिखित में कुछ नहीं दिया। बता दें कि नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की घोषणा करते हुए ‘किसान आंदोलन’ को खत्म करने की अपील की थी।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) 20 मार्च, 2023 को दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत आयोजित करेगा. https://t.co/H5AVO7LEnT
— AajTak (@aajtak) March 19, 2023
ये किसान महापंचायत ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के बैनर तले आयोजित किया जा रहा है। किसान नेता दर्शन पाल ने दावा किया है कि कर्जा मुक्ति और MSP लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों के सामने सबसे बड़ा मुद्दा होगा। ये भी अंदेशा जताया जा रहा है कि इस दौरान ‘किसान आंदोलन 2.0’ की भी घोषणा की जा सकती है। 36 किसान संगठन रामलीला मैदान में पहुँच रहे हैं। किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए 5000 रुपए प्रति महीने दिए जाने की भी माँग की गई है।