आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने अयोध्या राम मंदिर के लिए जमीन की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया। कुछ ही घंटों में यह साफ हो गया कि उन्होंने तथ्यों को लेकर गुमराह करने की कोशिश की। उसके बाद से उन पर राम मंदिर के निर्माण में अड़ंगा डालने और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बदनाम करने की कोशिश के आरोप लग रहे हैं। कानूनी कार्रवाई की माँग उठ रही है।
माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में राजनीतिक जमीन की तलाश में जुटी आप ने हिंदुओं में फूट डालने के मकसद से ऐसा जान-बूझकर किया। वैसे भी इस पार्टी और उसके नेताओं का बेबुनियाद आरोप लगाने और बाद में माफी माँग लेने का इतिहास रहा है।
राम मंदिर में ‘जमीन घोटाले’ के आप के आरोपों को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कड़ा रुख दिखाया है। वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने ट्रस्ट को मानहानि का केस करने का सुझाव दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि इस बार इन्हें माफी माँगने पर न छोड़े और इसे इसकी परिणति तक लेकर जाएँ।
We’ve suggested Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust file defamation case against persons levelling false allegations against the Trust. UP Assembly polls are round the corner that is why they’re misleading people with lies: VHP’s international working president, Alok Kumar pic.twitter.com/tXKMKv11ha
— ANI (@ANI) June 14, 2021
यह पहला मौका नहीं है जब आप नेताओं पर मानहानि का केस करने की बात हो रही है। ऐसे कई मामलों में उन्होंने बाद में माफी मॉंग कर अपनी जान भी बचाई है। इनमें आप के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं।
2018 में केजरीवाल, संजय सिंह, राघव चड्ढा और उस समय आप के नेता रहे आशुतोष ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को एक संयुक्त पत्र लिखा था। इसमें तीनों ने जेटली से मानहानि मामले को लेकर माफी माँगी थी। यह मामला दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) में घोटाले के आरोपों से जुड़ा था। आप नेताओं के गंभीर आरोपों के बाद जेटली ने दिसंबर 2015 में केजरीवाल और अन्य पाँच आप नेताओं के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि का दावा ठोकते हुए 10 करोड़ रुपए का केस किया था। हालाँकि आप नेताओं की माफी के बाद जेटली ने केस वापस ले लिया था।
Delhi CM Arvind Kejriwal, AAP leaders Sanjay Singh,Ashutosh and Raghav Chadha apologize to Union Finance Minister Arun Jaitley in the defamation case he had filed against them pic.twitter.com/CJFqxVD738
— ANI (@ANI) April 2, 2018
2018 के मार्च में केजरीवाल ने इसी तरह का एक पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से माफी माँगी थी। इसमें कहा गया था, “हम दोनों अलग-अलग दलों में हैं। मैंने आपके बारे में बिना जाँचे कुछ आरोप लगाए, जिससे आपको दुख हुआ होगा। इसलिए आपने मेरे खिलाफ मानहानि का केस दायर किया। मुझे आपसे निजी तौर पर कोई दिक्कत नहीं है, इसलिए मैं आपसे माफी माँगता हूँ।” इसके बाद गडकरी ने भी आप नेता को माफ कर दिया था।
केवल बीजेपी ही नहीं अन्य दलों के नेताओं से भी केजरीवाल इसी तरह माफी माँग चुके हैं। केजरीवाल ने कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल और उनके बेटे अमित सिब्बल पर भी आरोप लगाए थे। मानहानि का मुकदमा होने पर उनसे भी माफी माँग ली थी। 2017 के पंजाब चुनाव के वक्त केजरीवाल ने विक्रम सिंह मजीठिया पर ड्रग्स के धंधे में संलिप्त होने का आरोप लगाया था। यह भी कहा था कि आप की सरकार बनने पर उन्हें जेल भेजेंगे। लेकिन इस मामले में भी मजीठिया ने जब मानहानि का दावा किया तो केजरीवाल ने लिखित तौर पर माफी माँग ली थी। यही कारण है कि इस बार आप नेताओं को केवल माफी माँगने पर ही बख्श नहीं देने की बात कही जा रही है।