पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार (अप्रैल 27, 2019) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद-370 और 35A ने जम्मू-कश्मीर को भारी नुकसान पहुँचाया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा, “अनुच्छेद-370 ही जम्मू-कश्मीर और भारत के संबंधों का आधार है और यदि प्रधानमंत्री को लगता है कि इससे कश्मीर खतरे में है तो इस खतरे को उन्हें छोड़ देना चाहिए। महबूबा ने कहा कि अगर उनको लगता है कि 370 के बिना पर हमारे रिश्ते की बुनियाद है, कश्मीर को छोड़ दें, अब वो कैसे छोड़ना चाहते हैं…क्यों खतरा मोल लेना चाहते हैं इतने सालों से।”
Mehbooba Mufti: Agar PM ko lagta hai ki Kashmir khasare mein hai toh phir woh iss khasare ko chhor dein.Agar unko lagta hai ki 370 ke binah par humare rishte ki buniyaad hai…Kashmir ko chhor dein,ab woh kasie chorna chahte hain…kyun khasara mol lena chahte hain itne saalon se pic.twitter.com/4DI6Q2aK6O
— ANI (@ANI) April 27, 2019
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (अप्रैल 26, 2019) को आज तक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अनुच्छेद-370 और 35A ने जम्मू-कश्मीर को भारी नुकसान पहुँचाया है। पीएम ने कहा था कि कश्मीर में एम्स और आईआईएम की स्थापना की गई, लेकिन अच्छे प्रोफेसर वहाँ जाने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि वो वहाँ पर कोई इनवेस्टमेंट नहीं कर सकते, संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं। यही नहीं कश्मीर में कमरों का किराया भी ज्यादा है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर दिवालियापन का सामना कर रहा है। आतंकवादियों की वजह से राज्य में पर्यटन को समाप्त हो गया है। अनुच्छेद 370 और 35A के कारण लोग यहाँ निवेश नहीं करते हैं। कश्मीर के युवाओं को नौकरियाँ भी नहीं मिल रही हैं। अब कश्मीर के लोगों को लगता है कि यह स्थिति बदलनी चाहिए।
इसके साथ ही पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि यह उनकी पार्टी थी, जिसने बीजेपी के साथ राज्य में गठबंधन सरकार के दौरान आर्टिकल 370 और 35A को बचाया था। महबूबा मुफ्ती ने दावा किया था कि राज्य में पीडीपी-बीजेपी के शासन के दौरान अनुच्छेद 370 की रक्षा के लिए उन्होंने दो साल तक भाजपा के साथ लड़ाई लड़ी थी। महबूबा ने कहा, “मैंने मोदी को स्पष्ट कर दिया था कि अगर वे राज्य के विशेष दर्जे के साथ छेड़-छाड़ करते हैं तो पीडीपी सरकार छोड़ देगी।”
महबूबा मुफ्ती ने कॉन्ग्रेस और एनसीपी को भी नहीं बख्शा। उन्होंने दोनों पार्टियों पर आर्टिकल 370 को कमजोर करने का आरोप लगाया है। महबूबा ने कहा कि जब कॉन्ग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने साल 2008 में राज्य की हजारों कनाल भूमि अमरनाथ श्राइन बोर्ड को बेचकर आर्टिकल 370 को कमजोर किया था। इसी तरह, एनसीपी के संस्थापक स्वर्गीय शेख मुहम्मद अब्दुल्ला ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के साथ 1975 के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मुख्यमंत्री बने थे।