लोकसभा के स्पीकर चुने गए ओम बिरला ने कार्यभार संभालने के बाद आपातकाल को याद किया। उन्होंने आपातकाल के दिनों में हुए अत्याचार पर लोकसभा में दो मिनट का मौन भी रखा। इस दौरान भी विपक्ष के सांसद शोर मचाते रहे।
स्पीकर पद के लिए ओम बिरला को NDA गठबंधन ने अपना उम्मीदवार बनाया था, उनके सामने INDI गठबंधन ने K सुरेश को उतारा था। ओम बिरला को ध्वनिमत से स्पीकर चुन लिया गया। विपक्ष ने इस दौरान वोटों का बंटवारा भी नहीं करवाया। इसके बाद ओम बिरला ने कार्यभार संभाल लिया।
ओम बिरला ने कार्यभार संभालने के बाद 1975 में इंदिरा गाँधी की कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की निंदा की। आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर उन्होंने कहा, “ये सदन 1975 में देश में आपातकाल लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया, संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया।”
आज लोकसभा में आपातकाल पर पेश किए गए प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, "ये सदन 1975 में देश में आपातकाल(इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया,… pic.twitter.com/3IB1Mw2gIT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2024
स्पीकर ओम बिरला ने आपातकाल के दौरान किए गए अत्याचारों के पीड़ितों पर संवेदना जताई। उन्होंने कहा, “आपातकाल के दौरान लोगों को कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा जबरन थोपी गई अनिवार्य नसबंदी का, शहरों में अतिक्रमण हटाने के नाम पर की गई मनमानी का और सरकार की कुनीतियों का प्रहार झेलना पड़ा। ये सदन उन सभी लोगों के प्रति संवेदना जताना चाहता है।”
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इंदिरा गाँधी की सरकार ने आपातकाल के दौरान न्यायपालिका और नौकरशाही पर भी हमला किया था। उन्होंने कहा कि संविधान में इस दौरान जबरन संशोधन किए गए थे और इनके जरिए कॉन्ग्रेस सारी शक्तियाँ इंदिरा गाँधी के हाथ में लाना चाहती थी।
ओम बिरला ने आपातकाल के दौरान अत्याचारों के कारण मारे गए लोगो के प्रति संवेदना प्रकट करने के लिए सदन से 2 मिनट का मौन रखने को ही कहा। इस दौरान भाजपा समेत सभी पार्टियों ने मौन रखा जबकि कॉन्ग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियाँ हल्ला मचाती रहीं। विपक्षी दलों ने इस मौन में भाग नहीं लिया।
#WATCH | Union Minister Kiren Rijiju says, "…On 26th June 1975, the then PM Indira Gandhi called emergency cabinet meeting and ratified post-facto, the PM took the decision alone…That is why today we passed the resolution in the House that such trampling, demolition of… pic.twitter.com/ONMYw6ufqY
— ANI (@ANI) June 26, 2024
आपताकाल को लेकर NDA सांसदों ने सदन के बाहर भी प्रदर्शन किया। NDA सांसदों ने इस दौरान बैनर-पोस्टर भी पकड़े हुए थे जिन पर लिखा था, ”ना भूलेंगे, ना माफ़ करेंगे और ना दोहराने देंगे।” इसको लेकर संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि इंदिरा गाँधी ने अकेले ही आपाताकाल लगाने का निर्णय ले लिया था, हम ऐसा दोबारा कभीं नहीं होने देंगे।