दिल्ली लोकायुक्त ने संपत्ति की डिटेल नहीं देने पर सीएम केजरीवाल समेत दिल्ली के सभी विधायकों को नोटिस भेजा है। दरअसल आरटीआई कार्यकर्ता और एडवोकेट विवेक गर्ग की ओर से एक याचिका दायर करते हुए ये शिकायत की गई थी कि दिल्ली के विधायकों ने वित्तीय वर्ष 2015-2016, 2016-2017 और 2017-1018 के लिए अपनी सम्पत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। विधायकों को दिए नोटिस में कहा गया है कि अगर किसी विधायक ने अपनी संपत्ति का कंपीटेंट अथॉरिटी के पास रिटर्न फाइल किया है, तो उसकी कॉपी जवाब के साथ दें।
आरटीआई के जरिए हुआ मामले का खुलासा
दरअसल विवेक गर्ग ने संपत्ति से जुड़े इस मुद्दे को लेकर एक आरटीआई दायर करके सूचना माँगी थी, जिसमें मामले का खुलासा हुआ। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत लोकायुक्त के यहाँ दर्ज़ कराई। अब लोकायुक्त ने विधायकों को 28 जनवरी से पहले जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि सोमवार को वह लोकायुक्त को पत्र लिखकर पूछेंगे कि उन्होंने किस कानून के अनुसार विधायकों से संपत्ति की जानकारी माँगी है।
हालाँकि, कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें संपत्ति का विवरण दाख़िल करना अनिवार्य हो। बता दें कि केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार लोकसभा सांसदों को लोकसभा स्पीकर ऑफ़िस और राज्यसभा सांसदों को राज्यसभा सचिवालय में रिटर्न फ़ाइल करनी होती है। दिल्ली के विधायकों के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है।
‘पारदर्शिता के लिए दर्ज़ हो सम्पत्ति का विवरण’
बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने मामले पर कहा, “विधायकों को पारदर्शिता के हित में संपत्ति और देनदारियों का विवरण दर्ज़ करना चाहिए, मैंने अपना विवरण दाख़िल करने के बारे में कुछ महीने पहले विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था।”
लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार प्रत्येक लोक सेवक को अपने और अपने परिवार के सदस्यों की संपत्ति और देनदारियों की जानकारी दर्ज़ करनी चाहिए। एटवोकेट गर्ग ने इसी बात का तर्क देत हुए कहा, “विधायक भी लोक सेवक हैं और उन्हें संपत्ति और देनदारियों का विवरण दाखिल करना चाहिए।”