लोकसभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं और भाजपा ने एक बार फिर से अपने नाम ऐतिहासिक जीत दर्ज कराई है। भाजपा को 201 शहरी और अर्द्ध शहरी सीटों में से 105 सीटों पर जीत मिली है और 57 फीसद से अधिक सीटें पार्टी ने गाँवों में जीती हैं।
हालाँकि पहले ऐसा माना था कि कॉन्ग्रेस की जड़े ग्रामीण इलाकों में भाजपा से ज्यादा मजबूत हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में पुरानी भ्रांतियों को तोड़ने के लिए भाजपा नेताओं ने गाँव-गाँव जाकर अपनी जमीन को बहुत मजबूत किया है जिसके नतीजे अब सबके सामने हैं।
बीते पाँच सालों में भाजपा द्वारा ग्रामीण लोगों के लिए लागू की गई योजनाओं ने उन्हें ग्रामीणों के बीच लोकप्रिय बनाया। भाजपा को ग्रामीण इलाकों में उज्ज्वला योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना का भी बहुत फायदा मिला।
#IndiaElectsModi | शहरी पार्टी माने जाने वाली भाजपा ने देश के 57 फीसद से अधिक सीटें गांवों में जीती हैं#ModiOnceAgain@BJP4Indiahttps://t.co/ctDVxEaMXj
— Dainik jagran (@JagranNews) May 24, 2019
मोदी की भाजपा ने इस बार ग्रामीण भारत की कुल 342 सीटों में से 197 सीट जीती हैं। इसमें से सिर्फ 30 सीटें कॉन्ग्रेस के खाते में गई हैं। भाजपा सरकार के कार्यकाल में खास बात ये दिखी कि ग्रामीण क्षेत्रों में इतना कार्य करने के बावजूद भी पार्टी ने शहरी मतदाताओं को नाराज़ नहीं होने दिया।
टैक्स में छूट से लेकर आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण जैसे मुद्दों ने मध्यम वर्ग को भाजपा के साथ बाँधे रखा। इसका परिणाम भी हम नतीजों में देख सकते हैं कि 50 लाख से अधिक आबादी के 8 शहरों की 32 सीटों में से 16 भाजपा ने अपने नाम की जबकि छोटे शहर की कुल 57 सीटों में से भाजपा को 35 सीटें मिलीं। बता दें कि शहरों की 144 सीटों में से भाजपा को 70 सीटें मिली हैं। क्षेत्रीय दलों ने 55 सीटों पर जीत हासिल की है।