महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में स्थित मस्जिदों और मौलवियों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस की धर्म निरपेक्ष गठबंधन सरकार ने मौलवियों और मस्जिदों को 1.80 करोड़ रूपए बतौर वेतन देने का ऐलान किया है।
ख़बरों के मुताबिक़ महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने यह सूचना जारी की। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में प्रदेश के 121 मदरसों को 1.80 करोड़ रूपए बतौर वेतन दिए जाएँगे। नवाब मलिक ने यह भी बताया कि यह राशि डॉ जाकिर हुसैन मदरसा आधुनिकरण योजना के तहत जारी की जाएगी।
Maharashtra govt has decided to distribute Rs 1.80 Crores among the teachers of 121 madrasas in the state, for their salaries under Dr Zakir Hussain Madarsa Modernisation Scheme: Maharashtra’s Minority Development Minister Nawab Malik (file pic) pic.twitter.com/CnZp24lFAj
— ANI (@ANI) July 23, 2020
महाराष्ट्र सरकार ने यह योजना राज्य के मदरसों की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए शुरू की थी। इसके अलावा योजना का उद्देश्य राज्य के मदरसों का आधुनिकरण करना और उनकी बुनियादी सुविधाएँ पूरी करना था।
इस राशि की मदद से नए मदरसों में आने वाले शिक्षक को वेतन दिया जाएगा और पढ़ने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। यह योजना साल 2013 के दौरान कॉन्ग्रेस और एनसीपी की गठबंधन सरकार में शुरू की गई थी।
लेकिन इस योजना का एक और पहलू भी है। जुलाई के पहले हफ्ते में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री विजय वाडेत्तिवर ने कहा था कि सरकार आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है। जिसकी वजह से सरकार को कर्मचारियों का वेतन देने के लिए क़र्ज़ लेना पड़ेगा। मंत्री जी का यह भी कहना था कि केंद्र सरकार से आर्थिक मदद न मिलने पर ऐसा हो रहा है।
इसलिए उन्हें सरकारी कर्मचारियों का वेतन देने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ वही महाराष्ट्र सरकार मदरसों के आधुनिकरण के लिए मौलवियों को वेतन बाँटने वाली है। वही सरकार अब फंड जारी करके मदरसों की मदद करेगी।