ममता ने शांति की अपील का दिखावा कर अपने कार्यकर्ताओं को उकसाया, गृहमंत्रालय ने माँगी हिंसा पर रिपोर्ट

ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

हाल ही में संपन्न राज्य विधानसभा चुनावों में TMC की जीत के बाद पश्चिम बंगाल में कई स्थानों से हिंसा की खबरें सामने आई। भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक हमलावरों के निशाने पर थे। कथित टीएमसी गुंडों ने उन पर हमला किया और उनके कार्यालयों और दुकानों में तोड़फोड़ की। अब, ममता बनर्जी ने शांति बनाए रखने की अपील की है। हालाँकि, ऐसा करने में, उन्होंने भाजपा और केंद्रीय बलों पर अत्याचार करने का आरोप लगाकर भावनाओं को और भड़का दिया।

ममता बनर्जी ने कहा, “मैं सभी से शांति बनाए रखने और किसी भी हिंसा में शामिल नहीं होने की अपील करती हूँ। हम जानते हैं कि भाजपा और केंद्रीय बलों ने हमें बहुत प्रताड़ित किया है लेकिन हमें शांति बनाए रखना है। वर्तमान में, हमें कोविड-19 से लड़ाई लड़नी है।”

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ममता बनर्जी ने शांति की अपील की, लेकिन उनकी अपील स्पष्ट नहीं थी। दंगाइयों और उपद्रवियों को प्रोत्साहन देते हुए उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार पर हिंसा का आरोप लगाया, उन पर ‘अत्याचार’ का आरोप लगाया और इस तरह टीएमसी समर्थकों द्वारा हिंसा को अप्रत्यक्ष रूप से उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ जायज ठहराया।

उन्होंने आगे कहा, “मैं सिर्फ एक स्ट्रीट फाइटर हूँ। मैं लोगों को बढ़ावा दे सकती हूँ ताकि हम बीजेपी के खिलाफ लड़ सकें। एक अकेला सब कुछ नहीं कर सकता मुझे लगता है कि हम सब मिलकर 2024 की लड़ाई लड़ सकते हैं। सबसे पहले COVID की लड़ाई लड़ें।”

उन्होंने भाजपा पर चुनाव परिणामों के बाद राज्य में हिंसा का आरोप लगाने के लिए पुराने दंगों की तस्वीरों का उपयोग करने का आरोप लगाया। बनर्जी ने कहा, “वे (भाजपा) पुराने दंगों की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं, यह उनकी आदत है। मैं किसी भी हिंसा को पसंद नहीं करती हूँ। बीजेपी ऐसा क्यों कर रही है? प्रचंड बहुमत से जीतने के बाद भी हमने किसी भी तरह का जश्न नहीं मनाया।”

उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं के जुनून को और भड़काते हुए कहा, “मुझे किसी से एक SMS मिला, जिसमें नंदीग्राम के रिटर्निंग ऑफिसर ने किसी को लिखा है कि अगर वह रिकाउंटिंग की अनुमति देता है तो उसकी जान को खतरा होगा। चार घंटे तक सर्वर डाउन रहा, राज्यपाल ने भी मुझे बधाई दी। अचानक सब कुछ बदल गया।”

हिंसा, आगजनी, पश्चिम बंगाल में TMC शासन की एक बानगी भी बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को मिली थी क्योंकि राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के बाद हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ में TMC गुंडों का हाथ था। टीएमसी समर्थकों ने अपनी पार्टी की जीत का जश्न मनाते हुए भाजपा कार्यालयों में तोड़फोड़ की और उन पर हमला किया।

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पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद हिंसा की घटना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट माँगी है। गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की पूरी जानकारी दें। बता दें कि बीजेपी और टीएमसी नेताओं की झड़प में 24 घंटे में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि चुनाव परिणाम आने के 24 घंटे के अंदर बीजेपी के 6 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है। इसमें जगदाल से शोभा रानी मंडल, राणघाट से उत्तम घोष, बेलेघाट से अभिजीत सरकार, सोनारपुर दक्षिण से हरोम अधिकारी, सीतलकुची से मोमिक मोइत्रा और बोलपुर से गौरब सरकार का नाम शामिल है।

गौरतलब है कि भाजपा पर टीएमसी की जीत के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा का प्रकोप जारी है। अभिजीत सरकार को कथित तौर पर टीएमसी की भीड़ द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया था। चुनाव जीतने के कुछ ही घंटों के भीतर, टीएमसी ने हेस्टिंग्स में बीजेपी के पार्टी कार्यालय का घेराव किया, आरामबाग में पार्टी कार्यालय को जला दिया और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी पर हमला किया जिन्होंने ममता बनर्जी को हराया।

बता दें कि हत्या से कुछ देर पहले अभिजीत सरकार ने फेसबुक लाइव के माध्यम से अपनी बात रखी थी। उन्हें पता भी नहीं था कि फेसबुक पर लाइव कैसे आते हैं, लेकिन उन्होंने किसी तरह वीडियो बनाया और बताया कि TMC के गुंडे लगातार बमबारी कर रहे थे और उन्होंने उनके घर और दफ्तर को तहस-नहस कर डाला। उन्होंने कहा कि उनकी एक ही गलती है कि वे भाजपा कार्यकर्ता हैं। एक अन्य वीडियो में उन्होंने बताया कि उनके घर और NGO दफ्तर को तोड़ डाला गया है। कुत्ते के 5 बच्चे को मार डाला गया।

अभिजीत ने कहा था कि उन्हें किसी भी पार्टी के जीतने से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन बेरहम तरीके से उनके घर को ध्वस्त किया जा रहा है। इन दोनों वीडियो के अपलोड करने के बाद पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी गई। कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने विभिन्न माध्यमों से डर जताया है कि ममता के तीसरी बार सत्ता में लौटने से उनका जीना दूभर हो सकता है और उनकी जान को TMC वालों से खतरा हो सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया