कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी से शुरू हुए हिजाब विवाद (Hijab) पर सियासत लगातार जारी है। इसी क्रम में रविवार (13 फरवरी, 2022) जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने इस मुद्दे को उत्तर प्रदेश चुनाव (Uttar Pradesh Assembly polls 2022) से जोड़ते हुए कहा कि ये मामला अब यहाँ नहीं रुकेगा। अब ये लोग (बीजेपी) मुस्लिमों के सभी प्रतीकों पर हमले करेंगे।
महबूबा ने हिजाब विवाद को भाजपा की साजिश करार दिया और कहा, “भारतीय मुसलमानों के लिए सिर्फ भारतीय होना ही काफी नहीं है, उन्हें बीजेपी भी होना चाहिए।”
पीडीपी चीफ ने आगे कहा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसको लेकर काफी बातें हो रही हैं और हमारे मुल्क की आलोचना हो रही है कि एक ड्रेस कोड है। अगर है भी तो दुपट्टा आप सिर पर जिस तरह से चाहो वैसे लपेट सकते हो। एक तो ये यूपी इलेक्शन के लिए है और फिर ये हमारी और निशानियों पर हमले करेंगे।”
इसी क्रम में महबूबा का जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने का दर्द भी उभर आया। उन्होंने दावा किया कि जिस तरह से अनुच्छेद-370 को हटाया गया है उससे यह मसला सुलझने की जगह और उलझ गया है। महबूबा ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को राजनीतिक मसला करार दिया और आरोप लगाया भाजपा इसे सांप्रदायिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।
पाकिस्तान प्रेम फिर से झलका
हिजाब विवाद पर बीजेपी को घेरने की कोशिशों में लगीं महबूबा मुफ्ती का पाकिस्तान प्रेम भी उभर आया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर एक दिन केंद्र सरकार को पाकिस्तान से बात करनी ही पड़ेगी।
गौरतलब है कि कर्नाटक में हिजाब के लिए मुस्लिम लड़कियों के विरोध की शुरुआत 2 जनवरी 2022 को उडुपी जिले के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज से हुई थी। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर खुलासा हो चुका है कि इसके पीछे कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई और उसकी छात्र शाखा कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ है। उसी ने इन लड़कियों को ट्रेनिंग दी थी।