जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई को देखकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार (अगस्त 5, 2019) को राज्य के प्रति सहानुभूति रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें आज (कश्मीर की स्थिति को देख) सबसे ज्यादा अटल बिहारी वाजपेयी की कमी महसूस हो रही है।
श्रीनगर में धारा 144 लगने के करीब एक घंटे बाद पीडीपी नेता का ट्वीट आया। जिसमें उन्होंने लिखा, “भाजपा नेता होने के बावजूद अटल जी में कश्मीरियों के लिए सहानुभूति थी और उन्होंने कश्मीर की जनता का प्यार हासिल किया। आज उनकी कमी हम सबसे ज्यादा महसूस कर रहे हैं।“
Vajpayee ji despite being a BJP leader empathised with Kashmiris & earned their love. Today we feel his absence the most.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 4, 2019
उन्होंने आगे लिखते हुए बताया कि जो लोग आज कश्मीर की स्थिति का जश्न मना रहे हैं, वे केंद्र सरकार की एकतरफा कार्रवाई के दूरगामी परिणामों से अनजान हैं।
Those who’re celebrating the situation here are ignorant about the far reaching consequences of any unilateral action that’ll taken by GOI.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 4, 2019
उन्होंने कहा, “आशा है कि जिन लोगों ने हम पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया, उन्हें एहसास होगा कि हमारा डर गलत नहीं था। नेता नजरबंद हैं, इंटरनेट सेवा बंद है और धारा 144 लागू होना किसी भी मानक से सामान्य नहीं है।”
Hope those who accused us of rumour mongering realise that our fears weren’t misplaced. Leaders under house arrest, broadband services suspended & section 144 enforced isn’t normal by any standard.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 4, 2019
गौरतलब है कि इससे पहले महबूबा मुफ्ती खुद को नजरबंद किए जाने को लेकर भी एक ट्वीट कर चुकी थीं। जिसमें उन्होंने लिखा था, “कैसी विडंबना है कि हमारे जैसे शांति के लिए लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। दुनिया देख रही है कि जम्मू-कश्मीर में कैसे लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है।”
बता दें कि इस समय कश्मीर घाटी में केंद्र सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई से हलचल बनी हुई है। वहाँ इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गई हैं और देर रात धारा 144 लगाई गई है। इस आदेश के तहत इलाके में लोगों की किसी तरह की आवाजाही नहीं हो सकेगी और सभी शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहेंगे। आदेश जारी रहने के दौरान शहर में किसी भी तरह की रैली और जनसभा करने की मनाही होगी। सभी सरकारी अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपना पहचान-पत्र साथ रखें।