प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी को शेल कंपनियों से चंदा माँगने के मामले में नोटिस भेजा है। इसको लेकर ‘आप’ के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने सोमवार (13 सितंबर) को केंद्र सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी को मोदी सरकार की पसंदीदा एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय से नोटिस मिला है।
चड्ढा ने कहा कि बीजेपी AAP के खिलाफ राजनीतिक साजिश कर रही है। इस मामले पर हम आज दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, “आम आदमी पार्टी को मोदी सरकार की फेवरेट एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय से लव लेटर मिला है। मैं AAP के खिलाफ बीजेपी की राजनीतिक साजिश का पर्दाफाश करने के लिए दोपहर 1.30 बजे AAP मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करूँगा।”
In a first, AAP receives a love letter from Modi Government’s favorite agency – the 𝐄𝐧𝐟𝐨𝐫𝐜𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐃𝐢𝐫𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫𝐚𝐭𝐞.
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) September 13, 2021
I will address an important press conference today, 130pm at AAP Headquarters in Delhi – to expose the political witch hunt of AAP by a rattled BJP.
आम आदमी पार्टी को शेल कंपनियों से मिले 2 करोड़ रुपए, आरोपित गिरफ्तार
मामला अप्रैल 2014 का है जब आम आदमी पार्टी को 4 फर्जी कंपनियों के जरिए चंदा मिला था। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) ने शिकायत दर्ज कराई थी कि चार कंपनियों ने कथित तौर पर 5 अप्रैल 2014 को ‘आप’ को 50-50 लाख रुपए का दान दिया था।
पुलिस ने बताया कि आरओसी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि चारों कंपनियाँ गोल्डमाइन बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, स्काईलाइन मेटल एंड अलॉयज प्राइवेट लिमिटेड, सन विजन एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड और Infolance Software Solutions pvt Ltd नकली थी और उन पतों पर स्थित नहीं थी, जो इसके रिकॉर्ड में थे। इसके अतिरिक्त, कंपनियों को शेयर प्रीमियम राशि के रूप में बड़ी मात्रा में धन राशि प्राप्त हुई थी, लेकिन धन के स्रोतों का खुलासा नहीं किया गया था।
आरओसी ने कंपनियों के सभी निदेशकों को नोटिस जारी किया था, लेकिन इनमें से स्काईलाइन मेटल एंड अलॉयज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दीपक अग्रवाल को छोड़कर किसी ने भी इसका जवाब नहीं दिया था। वे एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे। हालाँकि, उन्होंने दावा किया था कि हस्ताक्षर और फोटोग्राफ, जिसके आधार पर उनके नाम पर डीआईएन जारी किया गया था, उनके नहीं थे। इसके आधार पर 21 नवंबर 2015 को शिकायत दर्ज की गई थी। बाद में 2017 में प्रवर्तन निदेशालय ने मामले पर संज्ञान लिया और ‘आप’ को चंदा देने वाली शेल कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की।
जाँच के दौरान, पुलिस ने पाया था कि आरओसी रिकॉर्ड के मुताबिक दिए गए पते पर कंपनियाँ मौजूद नहीं थीं। पुलिस ने कहा था कि इन कंपनियों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, एंट्री ऑपरेशन और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया गया था। इस मामले में पिछले साल अगस्त में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।