पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पाला बदलकर बीजेपी से टीएमसी में घर वापसी करने वाले मुकुल रॉय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बीजेपी के दिग्गज और पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष को एक याचिका सौंपकर उन्हें अयोग्य घोषित करने की माँग की है। इसमें अधिकारी ने कहा है कि TMC नेता मुकुल रॉय, 83-कृष्णनगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के से भाजपा की टिकट पर जीते थे। टीएमसी शामिल होते वक्त उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
अधिकारी ने रॉय के टीएमसी में शामिल होने के बाद दलबदल विरोधी कानून का हवाला देते हुए इस कार्रवाई की माँग की है।
#NewsAlert | BJP leader Suvendu Adhikari writes to West Bengal Assembly Speaker urging him to disqualify Mukul Roy.
— TIMES NOW (@TimesNow) June 18, 2021
Tamal Saha with details pic.twitter.com/iMnwTLivLI
शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार (जून 17, 2021) को कहा था कि भाजपा की माँग का समर्थन करने के लिए सभी कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन रिसीव सेक्शन बंद होने के कारण जमा नहीं किया जा सका। इससे पहले उन्होंने मुकुल रॉय पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर वह अपना इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून लागू करने की माँग को लेकर पश्चिम बंगाल अध्यक्ष से संपर्क किया जाएगा।
शुभेंदु ने कहा, “कृष्णनगर उत्तर के एक विधायक ने पार्टी बदल दी है, और हमें उम्मीद है कि वह विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। अगर वह कल तक इस्तीफा नहीं देते हैं तो हम अध्यक्ष को पत्र लिखकर दलबदल विरोधी कानून लागू करने की माँग करेंगे।”
इस मामले में बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित अमित मालवीय ने कहा कि तृणमूल कॉन्ग्रेस में शामिल होने के बाद ही मुकुल रॉय को खुद ही विधानसभा से इस्तीफा दे देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है। उनको अयोग्य घोषित करने के लिए एक याचिका पश्चिम बंगाल के विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी गई है।
एक ट्वीट में मालवीय ने कहा, “ममता बनर्जी की मौजूदगी में टीएमसी में शामिल होने के बाद, मुकुल रॉय को बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए था, एक सीट (कृष्णनगर उत्तर) जो उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीती थी। अब, पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उनकी अयोग्यता के लिए अध्यक्ष के पास चले गए हैं।”
After joining TMC in the presence of Mamata Banerjee, Mukul Roy should have on his own resigned from his membership of the Bengal Assembly, a seat (Krishnanagar Uttar) he won on BJP ticket.
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 18, 2021
Now, Suvendu Adhikari, BJP’s LoP in WB has moved the Speaker for his disqualification…
राज्यपाल धनखड़ को पत्र लिखकर मुकुल रॉय के खिलाफ कार्रवाई की मांग
शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय के राजनीतिक झगड़ा शुरू हो गया था, जब बाद में वह अपने बेटे के साथ भाजपा छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गए थे। अधिकारी ने रॉय के इस्तीफे की माँग की थी। जिसके जवाब में रॉय ने अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया था।
मुकुल रॉय के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की माँग को लेकर भाजपा ने राज्यपाल करने से संपर्क किया था। पार्टी ने कहा था, “तोड़ना-जोड़ना टीएमसी की गंदी राजनीति का हिस्सा है। वे पिछले 10 साल से ऐसा कर रहे हैं और किसी ने इसका विरोध नहीं किया। लेकिन अब इसका विरोध किया जा रहा है और दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।”
पश्चिम बंगाल भाजपा के विधायकों ने विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा नेताओं के तृणमूल कॉन्ग्रेस में शामिल होने को लेकर राज्यपाल धनखड़ को पत्र लिखा था। इसके जवाब में धनखड़ ने कहा, “राज्य का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते, मैं यह स्पष्ट कर दूँ कि बंगाल में दलबदल विरोधी कानून पूरी तरह से लागू है। यह देश के अन्य हिस्सों की तरह यहाँ भी उतना ही लागू है।”