महाराष्ट्र में भाजपा विधायक राम कदम को उनके आवास से हिरासत में ले लिया गया है। पालघर में दो संतों सहित 3 लोगों की पुलिस के सामने भीड़ द्वारा हुई हत्या के विरोध में वो भूख-हड़ताल पर जाने वाले हैं और सरकार से न्याय की माँग कर रहे हैं। पालघर मामले में सीबीआई जाँच के लिए वो ‘जन आक्रोश रैली’ निकाल रहे थे। उन्हें मुंबई में शुरू होने वाली रैली में हिस्सा लेने से रोक दिया गया है और पुलिस हिरासत में ले गई।
राम कदम ने पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि पालघर जाने से महाराष्ट्र सरकार रोक रही है, आखिर वो किस-किस आवाज को दबोचने की कोशिश करेगी? इससे पहले उन्होंने पूछा था कि ‘रावणराज चलाने वाली मुगलिया MVA सरकार’ हिन्दू धर्म के त्योहारों का विरोध करना कब बंद करेगी? उनका सवाल था कि “अन्य धर्मों के त्योहारों को इजाज़त देने में शीघ्रता दिखाते हैं वो हिन्दू धर्म के लिए क्यों नहीं है?”
राम कदम ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से पूछा था कि क्या ‘महा विकास अघाड़ी’ के फैसले इटली में लिए जाते हैं? उनकी माँग है कि पालघर में जहाँ साधुओं ने प्राण त्यागा, वहाँ पर एक मंदिर स्वरूप स्मारक का निर्माण करवाया जाए। उन्होंने कहा था कि ऐसा नहीं होने पर वो उसी स्थल पर भूख-हड़ताल करेंगे। वहीं पुलिस का कहना है कि राम कदम को खार थाने में एक घंटे रख कर छोड़ दिया गया है। अब वो फिर से पालघर जाने की कोशिश करेंगे।
Maharashtra: BJP MLA Ram Kadam and his supporters detained by Police from outside his residence in Mumbai. They were taking out a ‘Jan aakrosh yatra’ to Palghar demanding CBI probe into Palghar mob lynching case. pic.twitter.com/rYUxFKOV71
— ANI (@ANI) November 18, 2020
सितम्बर 2020 में पालघर में 2 साधुओं की लिंचिंग मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर के इस मामले में CBI जाँच की माँग का विरोध किया था। पुलिस ने कहा था कि याचिका खारिज करने के साथ याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए। उसका कहना है कि राज्य CID गहन जाँच के बाद पहले ही 126 आरोपितों के ख़िलाफ़ दो चार्जशीटें दायर कर चुकी है इन चार्जशीटों को भी कोर्ट में दाखिल किया गया है।