अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए भूमिपूजन में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपस्थित अतिथियों को संबोधित करते हुए जो भी कहा, वो पूरे मीडिया है। लेकिन, साथ ही उन्होंने पूजा से पहले जो संकल्प लिया, उसे भी आपको जानने की जरूरत है। यजमान के रूप में बैठे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन के दौरान लिए गए संकल्प के रूप में क्या कुछ कहा, वो नीचे उनके ही शब्दों में पढ़ें:
“आज …….. गोत्र में उत्पन्न मैं नरेन्द्र दामोदर दास मोदी नाम वाला यजमान अपने राष्ट्र का प्रतिनिधि, समस्त चर अचर जीवों का, भारत के वासियों का, विश्व के समस्त प्राणियों का, सकल अशुभ एवं दुःखों के नाश के लिए सभी की सुख शान्ति एवं कल्याण के लिए अनन्त ब्रह्माण्ड के नायक भगवान् श्रीसीताराम का अनुग्रह प्राप्त करने के लिए, बनाए जाने वाले इस नूतन मन्दिर की आधार शिला का पूजन सभी के साथ करूँगा। इसी पूजन के अन्तर्गत गणपति का स्मरण करते हुए भूमि आदि पूजन को यथा क्रम मैं करूँगा।”
अयोध्या राम मंदिर पूजन एवं संकल्प के बाद पुरोहित ने पीएम मोदी से ‘दक्षिणा’ की माँग करते हुए कहा कि किसी भी यज्ञ में दक्षिणा महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि दक्षिणा तो आज इतनी दे दी गई कि आज सैकड़ों करोड़ आशीर्वाद प्राप्त हो रहे हैं। भारत तो हमारा ही है, उससे ऊपर और कुछ दें। उन्होंने कहा, “कुछ समस्याएँ हैं, उन समस्याओं को दूर करने का संकल्प तो लिए हुए हैं, 5 अगस्त में कुछ और जुड़ जाए तो भगवान की कृपा होगी।”
वहीं अपने सम्बोधन में पीएम मोदी ने कहा कि जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, को उन सबको नमन करते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं।