प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नेशनल एजुकेशन पालिसी (NEP 2020)’ को लेकर आयोजित गवर्नर्स कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि NEP 2020 में पढ़ने की बजाए सीखने पर ज्यादा जोर दिया गया है। केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ स्थानीय निकायों की भी जिम्मेदारी है कि वो शिक्षा नीति को अच्छे से लागू करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा, देश की आकांक्षा को पूरा करने का बड़ा माध्यम है।
पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षा नीति में सरकार का दखल और प्रभाव, कम से कम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति से जितना शिक्षक, अभिभावक, छात्र जुड़े होंगे, उतना ही उसकी प्रासंगिकता और व्यापकता, दोनों ही बढ़ती है। देश के लाखों लोगों ने, शहर में रहने वाले, गाँव में रहने वाले, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने, इसके लिए अपना फीडबैक दिया था, अपने सुझाव दिए थे। कार्यक्रम में सभी राज्यों के राज्यपाल उपस्थित थे।
The pressure on students for specific streams have been removed. Our youth will now be able to learn according to their interests.
— BJP (@BJP4India) September 7, 2020
Earlier, students used to pick a stream beyond their aptitude and they realised it much later. Such problems have been done away with in the NEP. pic.twitter.com/q0OiIUV9Hy
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गाँव में कोई शिक्षक हो या फिर बड़े-बड़े शिक्षाविद, सबको राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अपनी शिक्षा शिक्षा नीति लग रही है। सभी के मन में एक भावना है कि पहले की शिक्षा नीति में यही सुधार तो मैं होते हुए देखना चाहता था। प्रधानमंत्री ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की स्वीकारता की बड़ी वजह करार दिया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भविष्य में तेजी से बदलते जॉब्स और काम करने का तरीके को लेकर चर्चा कर रही है। पीएम ने कहा:
“ये पॉलिसी (NEP 2020) देश के युवाओं को भविष्य की आवश्यकताओं के मुताबिक ज्ञान और स्किल्स, दोनों मोर्चों पर तैयार करेगी। लंबे समय से ये बातें उठती रही हैं कि हमारे बच्चे बैग और बोर्ड एग्ज़ाम के बोझ तले, परिवार और समाज के दबाव तले दबे जा रहे हैं। इस पॉलिसी में इस समस्या को प्रभावी तरीके से समाधान किया गया है। 21वीं सदी में भी भारत को हम एक नॉलेज इकॉनमी बनाने के लिए प्रयासरत हैं। नई शिक्षा नीति ने Brain Drain को दुरुस्त करने के लिए और सामान्य से सामान्य परिवारों के युवाओं के लिए भी सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के कैम्पस भारत में स्थापित करने का रास्ता खोला है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि ये शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा नीति नहीं है। ये देश की शिक्षा नीति है। जैसे विदेश नीति देश की नीति होती है, रक्षा नीति देश की नीति होती है, वैसे ही शिक्षा नीति भी देश की ही नीति है। उन्होंने कहा कि कोई भी System, उतना ही Effective और Inclusive हो सकता है, जितना बेहतर उसका गवर्नेंस मॉडल होता है। उन्होंने इसे लागू करने के लिए जनता का सहयोग भी माँगा।
Proper nutrition is vital to build a prosperous nation. #POSHANMaah2020 starts today. Let us undertake efforts to reach out to people across the length and breadth of India and spread awareness on eradicating malnutrition. This will help our Nari Shakti and Yuva Shakti. pic.twitter.com/mpPEuaT210
— Narendra Modi (@narendramodi) September 7, 2020
ज्ञात हो कि बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए सितंबर 2020 में तीसरा राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत सोमवार (सितम्बर 7, 2020) से ही हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले माह तीस तारीख को आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ के 68वें एपिसोड में पोषण की महत्ता पर जोर देते हुए देशवासियों को पोषण माह को सफल बनाने के लिए सहयोग करने को कहा था।