Wednesday, November 13, 2024
Homeराजनीतिनई संसद के उद्घाटन का 19 विपक्षी दलों ने किया बहिष्कार: जानिए कौन-कौन सी...

नई संसद के उद्घाटन का 19 विपक्षी दलों ने किया बहिष्कार: जानिए कौन-कौन सी पार्टी है शामिल, क्यों हो रही ये राजनीति

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजपी पर हमला बोलते हुए राउत कहा, "जो क्रांतिकारी काम हुए हैं, उससे RSS और बीजेपी का कोई रिश्ता नहीं है। एक इमारत बनाकर हम एक वो शिला लगाएँगे कि इनॉगरेटेड बाय प्राइम मिनिस्टर श्री नरेंद्र मोदी। इसके लिए ये खर्चा हो रहा है। इनके हाथों से नए संंसद भवन का उद्घाटन करना, ये प्रोटोकॉल है?"

विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा 28 मई 2023 को किए जाने वाले नए संसद भवन (New Parliament House) के उद्घाटन का बहिष्कार करने की घोषणा की है। विपक्षी दलों ने भवन का उद्घाटन विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर कराने और उद्घाटन में राष्ट्रपति को नहीं बुलाने को लेकर आलोचना कर रहे हैं।

नेताओं का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) हाथों न कराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराना राष्ट्रपति का अपमान है। AAP के नेता संजय सिंह ने कहा कि यह भारत के दलित आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। वहीं, कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए।

इस संबंध में कॉन्ग्रेस, शिवसेना (UBT), आम आदमी पार्टी, TMC, राजद, जदयू सहित 19 विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया है। अपने बयान में विपक्षी दलों ने कहा है, “जब संसद से लोकतंत्र की आत्मा को चूस लिया गया और सरकार डेमोक्रेसी के लिए खतरा बन गई है तो नए भवन का कोई मूल्य नहीं है।”

अपने संबोधन में विपक्षी दलों ने कहा कि अनुच्छेद 79 में संविधान कहता है कि संघ के लिए एक संसद होगा, जिसमें राष्ट्रपति और दो सदन होंगे। इन सदनों को राज्यसभा और लोकसभा के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रपति भारतीय संघ की ना सिर्फ प्रमुख होते/होती हैं, बल्कि संसद के अभिन्न हिस्सा भी होते/होती हैं।

अपने बयान में विपक्षी दलों ने आगे कहा कि राष्ट्रपति के बिना संसद की कार्यवाही नहीं चल सकती। इसके बाद भी प्रधानमंत्री ने इसके भवन का उद्घाटन खुद ही करने का निर्णय लिया है। यह राष्ट्रपति का अपमान है और संविधान की मूल आत्मा का उल्लंघन करता है।

शिवसेना ठाकरे गुट के संजय राउत ने कहा, “सबसे पहले हमने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर कहा था। जब देश की आर्थिक स्थिति खराब है, तब लाखों-करोड़ों… सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च करने की क्या जरूरत थी? जिस तरह से इस प्रोजेक्ट को सिर्फ प्रधानमंत्री की इच्छा के लिए बनाया, क्या उसकी जरूरत थी?”

राउत ने कहा, “आज जो देश की इमारत है, पार्लियामेंट हाउस है, वो और 100 साल चल सकती है। इस देश की जो इमारत है, उससे भी पुरानी इमारतें इटली, ब्रिटेन, फ्रांस में हैं और वो अब तक चल रही हैं। इसको बनाने की इसलिए जरूरत पड़ी कि ये संसद भवन ऐतिहासिक है और इस ऐतिहासिक संसद भवन से ना RSS और ना ही बीजेपी का कोई रिश्ता है।”

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “जो क्रांतिकारी काम हुए हैं, उससे RSS और बीजेपी का कोई रिश्ता नहीं है। एक इमारत बनाकर हम एक वो शिला लगाएँगे कि इनॉगरेटेड बाय प्राइम मिनिस्टर श्री नरेंद्र मोदी। इसके लिए ये खर्चा हो रहा है। इनके हाथों से नए संंसद भवन का उद्घाटन करना, ये प्रोटोकॉल है?”

संजय राउत ने कहा कि राष्ट्रपति सैद्धांतिक रूप से देश के प्रमुख होते हैं। वे संविधान के कस्टोडियन होते हैं और आप उन्हें नहीं बुलाया जा रहा है। यह उनका अपमान है। राउत ने कहा कि इसी आधार पर 19 विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार किया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गैर मुस्लिमों को जबरन नहीं परोसा जाएगा ‘हलाल मांस’, एअर इंडिया का बड़ा फैसला: जानें यह कैसे सही दिशा में कदम

देश की प्रमुख एयरलाइन एअर इंडिया ने फैसला किया है कि वह अब गैर-मुस्लिम यात्रियों को हलाल माँस नहीं परोसेगी।

बढ़कर 21% हुए मुस्लिम, 54% तक घटेंगे हिंदू: बांग्लादेशी-रोहिंग्या बदल रहे मुंबई की डेमोग्राफी, TISS की जिस रिपोर्ट से घुसपैठ पर छिड़ी बहस उसके...

अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुस्लिमों का घुसपैठ मुंबई में बड़े पैमाने पर सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बदलाव ला रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -