जन अधिकार पार्टी (JAP) के नेता और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर बिना वैध लाइसेंस कूड़े से भरा ट्रैक्टर चलाने के मामले में जुर्माना लगाया गया है। पुलिस ने बताया कि पप्पू यादव ने इस कूड़े को राज्य सरकार के मंत्री सुरेश शर्मा के घर के सामने फेंकने की धमकी दी थी।
दरअसल, पप्पू यादव ने गुरुवार (अक्टूबर 17, 2019) को अपने कार्यकर्ताओं के साथ पटना के कई इलाकों में सफाई अभियान चलाया और कचरे को लादकर बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के सरकारी आवास पर फेंकने जा रहे थे। इसकी सूचना मिलते ही मंत्री सुरेश शर्मा के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई और सचिवालय डीएसपी सहित कई पुलिस बल को वहाँ तैनात किया गया।
Tractor पर पटना की सड़कों का कचरा load कर नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के सरकारी आवास में फेंकने जा रहे थे पप्पू यादव, traffic police ने रोका और काटा चालान#pappuyadav #Patna #trafficpolice pic.twitter.com/Pvtx5KQiui
— kajal lall (@lallkajal) October 17, 2019
पुलिस ने पप्पू यादव के ट्रैक्टर को आशियाना मोड़ पर रोक दिया और उसके बाद पप्पू यादव और उनके समर्थकों को राजीव नगर थाना पुलिस अपने साथ ले गई। जब पप्पू यादव का ड्राइविंग लाइसेंस चेक किया गया तो वह टू व्हीलर का निकला, जो 2017 में ही एक्सपायर हो चुका था। पुलिस ने बताया कि पप्पू यादव को रोक कर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया गया क्योंकि उनके पास हल्के वाहन चलाने का लाइसेंस था, जिसकी वैधता 2017 में ही समाप्त हो गई थी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पप्पू यादव ने कहा, ‘‘मुझे विरोध दर्ज कराने के मौलिक अधिकारों से वंचित किया गया। मेरे पास लाइसेंस है लेकिन बहुत ही कमजोर आधार पर चालान किया गया कि मैं भारी वाहन चलाने की योग्यता नहीं रखता।”
वहीं मंत्री सुरेश शर्मा के घर के बाहर गंदगी फेंकने की बात पर उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्री के घर के सामने गंदगी फेंकने से कोई खुशी नहीं होती। वो तो बस इतना चाहते थे कि मंत्री को भी उस नारकीय स्थिति का एहसास हो, जिसमें शहर के लोग रह रहे हैं।
पूर्व सांसद पप्पू यादव ने आगे कहा, ‘‘इस सरकार की प्राथमिकताएँ गलत हैं। सरकार अरबों रुपए प्रचार पर खर्च कर रही है लेकिन अस्पतालों को प्लेटलेट चढ़ाने की किट के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं। हालाँकि, इस असंवेदनशील सरकार के खिलाफ किसी भी तरह से आवाज उठाता रहूँगा। मैं अपने संसाधन से प्लेटलेट चढ़ाने की किट खरीद कर पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को दान करूँगा।’’