‘कॉन्ग्रेस बचाओ, दलाल भगाओ’: पटना में नेताओं के खिलाफ कार्यकर्ताओं का विरोध, RJD ने कहा – पिकनिक मना रहे राहुल

पटना के सदाकत आश्रम में प्रदर्शन करते कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता (बाएँ), राहुल-सोनिया (फाइल फोटो, दाएँ)

बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस को मात्र 19 सीटें मिलीं, जिसके बाद पार्टी में आंतरिक कलह भी शुरू हो गया है। आम कार्यकर्ता नाराज़ हैं और वो पार्टी के ही कुछ नेताओं के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए उन्हें हार के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं। पार्टी के बड़े नेताओं के खिलाफ बयानबाजी जारी है। अब पटना में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि बिहार में पार्टी के बड़े नेताओ ने टिकट-वितरण में धाँधली की।

अखिल भारतीय किसान कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय संयोजक और बिहार प्रभारी राजकुमार शर्मा के नेतृत्व में पार्टी के पटना स्थित बिहार मुख्यालय ‘सदाकत आश्रम’ में ‘कॉन्ग्रेस बचाओ दलाल भगाओ’ महाधरना का आयोजन किया गया। जिन नेताओं पर धाँधली के आरोप लगाए गए, वो हैं – प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, सदानंद सिंह और स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे।

पटना में पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कुछ पूर्व विधायकों ने भी इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेते हुए आरोप लगाए। उनका कहना था कि जयंती झा और मुर्तज़ा अली जैसे नेता पिछले 3-4 दशकों से सक्रिय हैं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया और उनकी जान चली गई। मोटी रकम लेकर उसके एवज में दल-बदलू उम्मीदवारों को टिकट देने के आरोप लगे हैं। कई जिलों में कॉन्ग्रेस एक अदद सीट को तरस गई, जिससे कार्यकर्ता नाराज़ हैं।

कार्यकर्ताओं ने पूछा कि प्रदेश में कॉन्ग्रेस का खात्मा करने वाले नेताओं ने बूथ, पंचायत, ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर तक कमेटी क्यों नहीं बनाई? उनका आरोप है कि कई क्षेत्रों में तो दूसरे दलों के प्रत्याशियों को जिताने के लिए कमजोर कैंडिडेट खड़े किए गए। राजकुमार शर्मा का कहना है कि भाजपा के दबाव में ऐसा किया गया। उन्होंने बिहार कॉन्ग्रेस के बड़े नेताओं पर कार्रवाई की माँग करते हुए कहा कि उन्होंने अपने स्वार्थ के लिए आलाकमान को गुमराह किया है। पटना के इस प्रदर्शन में कॉन्ग्रेस के कई कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा।

उधर राजद ने भी कॉन्ग्रेस को ही अपनी हार का जिम्मेदार ठहराया है। राजद के प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने याद दिलाया कि कैसे कपिल सिब्बल, मुकुल वासनिक, शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे नेताओं ने नेतृत्व को चिट्ठी लिखी थी, पार्टी की हालत को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने इन नेताओं को कॉन्ग्रेस का वफादार और आजीवन कॉन्ग्रेसी करार दिया और नेतृत्व से कहा कि आप इस तरह से पार्टी नहीं चला सकते हैं।

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शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार में चुनाव हो रहा है और राहुल गाँधी अपनी बहन प्रियंका गाँधी के शिमला वाले घर पर जाकर पिकनिक मना रहे हैं, क्या ऐसे पार्टी चलाई जाती है? उन्होंने कहा कि इन चीजों से उन आरोपों को बल मिलता है कि कॉन्ग्रेस पार्टी जिस तरह से अपना ‘कारोबार’ चला रही है, उससे भाजपा को ही मदद मिल रही है। कॉन्ग्रेस अब अपने गठबंधन साथियों और अपने ही पार्टी नेताओं के आरोपों से जूझ रही है।

उधर पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी पूछा है कि जब पिछले 6 वर्षों से कॉन्ग्रेस पार्टी ने आत्ममंथन नहीं किया तो अब कौन आशा करे कि वो ऐसा करेगी? उन्होंने कहा कि संगठनात्मक रूप से पार्टी में क्या गड़बड़ी है, ये सभी को पता है। उन्होंने कहा कि जवाब भी सबके पास है, कॉन्ग्रेस भी जानती है – लेकिन वो ऐसा स्वीकार नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो कॉन्ग्रेस पार्टी का ग्राफ यूँ ही गिरता चला जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया